Chaibasa News : महिलाओं को सशक्त बना रहे एसएचजी

किरीबुरु आजीविका महिला संकुल संगठन की वार्षिक आमसभा संपन्न, लक्ष्मी सुरेन ने कहा

By ATUL PATHAK | September 2, 2025 11:12 PM

गुवा. नोवामुंडी प्रखंड अंतर्गत किरीबुरु आजीविका महिला संकुल संगठन की वार्षिक आमसभा मंगलवार को किरीबुरु क्लब परिसर में हुई. इसकी शुरुआत मुख्य अतिथि जिला परिषद अध्यक्ष लक्ष्मी सुरेन, विशिष्ट अतिथि प्रखंड प्रमुख पूनम गिलुवा, जिला परिषद सदस्य देवकी कुमारी, आइएफएस अधिकारी अनुराधा मिश्रा, बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंधक संजय कुमार सिंह, मुखिया पार्वती कीड़ों, मुखिया लिपि मुंडा, मुखिया प्रफुल्लित ग्लोरिया टोपनो और पंचायत सचिव श्याम प्रसाद महतो ने दीप प्रज्वलित कर की. संकुल के लेखापाल ने वर्षभर के आय-व्यय का पूरा ब्योरा प्रस्तुत किया. बेहतर कार्य करने वाले सर्वश्रेष्ठ स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) और बेस्ट बीएचओ को सम्मानित किया गया. मुख्य अतिथि लक्ष्मी सुरेन ने महिला सशक्तीकरण की दिशा में संगठन की भूमिका की सराहना की. भविष्य में हर प्रकार से सहयोग देने का आश्वासन दिया. कार्यक्रम में मंच का संचालन रीना दास ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन ग्रेस बोदरा ने किया. वार्षिक आमसभा को सफल बनाने में आशा, कनक मिश्रा, जिवन्ती, लक्ष्मी देवी, कुलदीप, सुनिता, कुन्नी, कुमुद हेंब्रम, मंजुला, सुषमा, सरस्वती, इंद्रजीत, सुजाता समेत संकुल के सभी कैडरों का महत्वपूर्ण योगदान रहा. मौके पर उप मुखिया, सुमन मुंडू, शानी हिस्सा, दीपक कुमार समूह की महिलाएं शामिल थीं.

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए जनभागीदारी जरूरी

प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत सदर प्रखंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चाईबासा के दो टीबी मरीजों के बीच पोषाहार पोटली का वितरण किया गया. इस अवसर पर जिला अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ भारती मिंज ने निक्षय मित्र बनकर दो टीबी मरीजों को गोद लिया है. उन्होंने टीबी मरीजों को हर प्रकार से मदद करने का संकल्प लिया है. उन्होंने मरीजों से कहा कि वे नियमित दवा का सेवन करें. कहा कि निक्षय पोषण योजना के तहत मिलने वाली राशि का भरपूर खान-पान के उपयोग में करें. कहा कि टीबी की दवा नियमित न चले और पोषण युक्त खानपान ना मिले तो मरीजों को ठीक होने की राह कठिन हो जाती है. टीबी के प्रति लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है. टीबी मरीजों को छह माह तक निक्षय मित्र योजना के तहत एक-एक हजार रुपये प्रतिमाह की दर से जो सहायता राशि मरीजों को मिलती है, उसका उपयोग करें. मरीजों को एक हजार की सहायता राशि उनके खाते में जाता है. मौके पर डॉ रश्मि, लाल सिंह पूर्ति, भीष्म नारायण प्रधान, ऋचा गौड़ एंव अगस्ति चंद्र प्रधान आदि उपस्थित थे.

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