Chaibasa News : आत्मनिर्भर भारत के पक्षधर थे सर दोराबजी
जोड़ा : टाटा स्टील ने सर दोराबजी टाटा की 166वीं जयंती मनायी
बड़बिल. टाटा स्टील ने जोड़ा में बुधवार को सर दोराबजी टाटा की 166वीं जयंती मनायी. जोड़ा स्थित दोराबजी टाटा बॉटनिकल पार्क में समारोह आयोजित हुआ. इसका शुभारंभ टाटा स्टील जोड़ा के प्रमुख राजेश कुमार ने पुष्पांजलि दी. मौके पर कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी, कर्मचारी व यूनियन प्रतिनिधियों ने महान व्यक्तित्व को श्रद्धासुमन अर्पित किये. इसी तरह जोड़ा ईस्ट आयरन माइंस, खंडबंध माइंस, मैंगनीज ग्रुप ऑफ माइंस, कलमंग और गंधलपड़ा प्रोजेक्ट ऑफिस, बिछाकुंडी, नीलाचल ऑफिस और जोड़ा फेरो एलॉय प्लांट में भी कार्यक्रम हुये. बिलाइपदा स्थित स्पंज प्लांट में श्रद्धांजलि दी गयी.
बताया गया कि सर दोराबजी केवल व्यवसायी नहीं थे. वे सच्चे देशभक्त थे. उन्होंने आत्मनिर्भर भारत का सपना देखा था. छोटानागपुर में देश का पहला स्टील प्लांट स्थापित करने में उनका योगदान सबसे प्रमुख था, जिसने भारत के औद्योगिक विकास की नींव रखी. उनका सबसे उल्लेखनीय योगदान ओडिशा के मयूरभंज स्थित गोरुमहिसानी पर्वत शृंखला में लौह अयस्क भंडार की खोज के बाद उत्पादन में सहयोग करना था. उन्होंने न केवल देश के पहले इस्पात संयंत्र की स्थापना कर अपने पिता का सपना साकार किया, बल्कि भारतीय उद्योग के लिए गौरवमयी राह भी प्रशस्त की.
समाजसेवा में अग्रणी रहे सर दोराबजी : समाजसेवा के क्षेत्र में भी सर दोराबजी अग्रणी रहे. उन्होंने टाटा ट्रस्ट की स्थापना की. इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस), टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टिआइएसएस), टाटा मेमोरियल सेंटर, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च सहित कई प्रतिष्ठित संस्थानों की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.
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