Chaibasa News : आइइडी विस्फोट में 2022 से अबतक करीब 22 ग्रामीण गवां चुके हैं अपनी जान

नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए कदम-कदम पर आइइडी बिछा रखा है

By ATUL PATHAK | August 8, 2025 11:25 PM

चाईबासा. पश्चिमी सिंहभूम जिले का सारंडा वन क्षेत्र में प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी के नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के इरादे से कदम-कदम पर आइइडी बिछा रखा है. नवंबर 2022 से अबतक, कम से कम छह सुरक्षाकर्मी मारे गये हैं. वहीं, दो दर्जन से ज्यादा घायल हुए हैं. अबतक करीब 22 ग्रामीण अपनी जान गंवा चुके हैं. इनमें सात साल की बच्ची भी शामिल रही. कुछ लकड़ी इकट्ठा करते समय मारे गए, तो कुछ महुआ चुनते समय.

नक्सलियों ने एक बार फिर बदला ठिकाना :

नक्सलियों ने खुद को बचाने के लिए हाल में अपना ठिकाना बदल लिया है. वे टोंटो को छोड़कर एक बार फिर सारंडा में शरणागत हैं. इसकी सूचना के बाद सुरक्षा बलों के जवान लगातार सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं. शुक्रवार को अभियान के दौरान आइइडी की चपेट में आने से दो जवान जख्मी हो गये.

हाल में जरायकेला में 41 वर्षीय युवक की मौत हुई थी :

हाल में जरायकेला में पत्ता तोड़ने जंगल गये 41 वर्षीय युवक की आइइडी की चपेट में आने से मौत हो गयी थी. इसके पूर्व मार्च में आइइडी विस्फोट की तीन घटनाएं हुईं. इनमें एक सब-इंस्पेक्टर शहीद हो गये थे. पांच जवान व अफसर घायल हुए थे. इसी तरह जरायकेला थाना क्षेत्र में चल रहे नक्सल अभियान के दौरान कमांड आइइडी से विस्फोट किया गया था, जिसमें कोबरा के जवान विष्णु सैनी व जगुआर के जवान सुनील धान घायल हो गये थे. हालांकि बाद में सुनील धान की इलाज के दौरान निधन हो गया था.

दो हाथियों की गयी है जान, एक घायल :

सारंडा के जंगल में माओवादियों के लगाये आइइडी हाथियों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं. हाल में छह साल की मादा हाथी की आइइडी ब्लास्ट में घायल होने से मौत हो गयी. इसके कुछ दिनों बाद 15 साल का हाथी भी ब्लास्ट में मारा गया. वहीं, छह साल का हाथी घायल हो गया.

कमांड आइइडी विस्फोट भी कर रहे नक्सली

मार्च, 2025 में नक्सलियों ने अभियान के दौरान के छोटानागरा थाना क्षेत्र में आइइडी ब्लास्ट किया था. इसमें सीआरपीएफ के अफसर सुनील कुमार मंडल शहीद हो गये थे. इस घटना की जांच भी करायी गयी थी. इसमें पुलिस ने पाया कि जिस आइइडी में विस्फोट हुआ था, वह 15 सेंटीमीटर की गोलाई और 1.1 मीटर लंबे पाइप से बनाया गया था. पुलिस की जांच में यह बाद सामने आयी थी कि यह कमांड आइइडी था, जिसे करीब 15 मीटर दूर तार के सहारे कमांड देकर विस्फोट कराया गया था.

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