कोल्हान यूनिवर्सिटी की सीनेट की बैठक में निर्णय, सरायकेला में छऊ की पढ़ाई, चाईबासा में खुलेगा लॉ कॉलेज

Jharkhand News : चाईबासा स्थित कोल्हान विश्वविद्यालय के मुख्यालय में शनिवार को सीनेट की बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता कुलपति प्रो डॉ गंगाधर पांडा ने की. इस दौरान नयी शिक्षा नीति से पढ़ाई के लिए कॉलेजों में चल रही तैयारी पर चर्चा हुई. केएस कॉलेज सरायकेला में छऊ की पढ़ाई शुरू करने के प्रस्ताव पर सहमति बनी.

By Prabhat Khabar | August 28, 2022 5:31 AM

Jharkhand News : चाईबासा स्थित कोल्हान विश्वविद्यालय के मुख्यालय में शनिवार को सीनेट की बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता कुलपति प्रो. डॉ गंगाधर पांडा ने की. इस दौरान नयी शिक्षा नीति से पढ़ाई के लिए कॉलेजों में चल रही तैयारी पर चर्चा हुई. नयी शिक्षा नीति के तहत नये सत्र से स्नातक की पढ़ाई चार वर्षीय होगी. बैठक में केएस कॉलेज सरायकेला में छऊ विषय की पढ़ाई शुरू करने का प्रस्ताव तैयार करने पर सहमति बनी. कोल्हान विश्वविद्यालय के अंतर्गत पश्चिम सिंहभूम में लॉ कॉलेज की स्थापना और विवि के अंतर्गत पांच वर्षीय एलएलबी कोर्स शुरू करने पर सहमति बनी. बैठक में विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति प्रो. डॉ. शुक्ला मोहंती शामिल हुईं. जन सूचना पदाधिकारी डॉ. पीके पाणि ने बैठक में हुए निर्णयों की जानकारी दी. बैठक में कुल 13 बिंदुओं पर चर्चा हुई.

देश के आठ विवि के साथ केयू ने एमओयू किया : वीसी

बैठक में कुलपति ने कहा कि कोरोना काल के कारण वर्ष 2019 के बाद अब वर्ष 2022 में पांचवें सीनेट की बैठक की गयी. विश्वविद्यालय अभी युवावस्था में है. इस दौरान कई उपलब्धियां हासिल कर चुका है. अब हम विश्वविद्यालय कैंपस से बाहर जाने की उम्र में पहुंच चुके हैं. यही कारण है कि देश के आठ विश्वविद्यालयों के साथ केयू का एमओयू हो चुका है. इसके जरिये विश्वविद्यालय के छात्र दूसरे विश्वविद्यालयों में जाकर पढ़ाई कर सकेंगे. नयी संस्कृति से परिचित हो सकेंगे. वीसी ने कहा कि छऊ नृत्य के जरिये जनजाति पहचान को दूर तक पहुंचाया जा रहा है. एक ट्राइबल म्यूजियम बनाने की तैयारी चल रही है. टीआरएल विभाग के लिए प्रस्ताव दिया गया है.

नैक टीम के निरीक्षण को विवि तैयार

वीसी ने कहा कि विवि का नैक एक्रिडेशन वर्ष 2016 में हुआ था. फिर से कोल्हान विवि तैयार है. पांच वर्ष का डाटा अपडेट किया गया है. सात मापदंडों को पूरा करने के लिए टीम बनी है. हमारी कोशिश है कि नैक टीम पूरी तरह संतुष्ट होकर विश्वविद्यालय से जाये. कुलपति ने कहा कि पश्चिमी सिंहभूम जिले में लॉ कालेज की स्थापना के लिए 5 एकड़ जमीन की जरूरत पड़ेगी. स्थानीय विधायक दीपक बिरुवा से चर्चा हो चुकी है. जमीन उपलब्ध होते ही प्रस्ताव सरकार के पास भेजा जायेगा. बैठक में सीनेट सदस्यों को पौधा देकर सम्मानित किया गया.

परीक्षा राशि भुगतान का मामला उठा

बैठक में कहा गया कि कॉलेजों को परीक्षा आयोजित करने के लिए पहले राशि मिलती थी. मौजूदा समय में परीक्षा के बाद भी विश्वविद्यालय भुगतान नहीं कर रहा है. कुलसचिव जयंत शेखर ने कहा कि परीक्षा से पहले भुगतान करना थोड़ा गलत था. उसमें सुधार करते हुए परीक्षा के बाद बिल जमा करने पर भुगतान किया जा रहा है. पूर्व में बिल जमा नहीं होने के कारण करीब सात करोड़ रुपये का हिसाब नहीं मिल रहा है. लंबे समय से बिल जमा नहीं हुआ. बिल जमा करें. एक सप्ताह में भुगतान हो जायेगा. बैठक में लंबे समय से सेवा दे रहे चतुर्थवर्गीय कर्मियों को स्थायी करने की बात उठी. कुलपति ने कहा कि चतुर्थवर्गीय अनुबंध कर्मी लंबे समय से हम सभी को सहयोग दे रहे हैं. अगर पद स्वीकृत है, तो स्थायी करने में कोई आपत्ति नहीं है. इसके लिए कमेटी बना कर निर्णय लेते हुए सरकार को प्रस्ताव दिया जायेगा.

नॉन टीचिंग स्टॉफ की सेवानिवृत्ति आयु 62 करने का प्रस्ताव

नॉन टीचिंग स्टाफ की सेवानिवृत्ति उम्र सीमा 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष करने की मांग की गयी. सीनेट में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पर सहमति देकर सरकार को भेजने का निर्णय लिया गया. टाटा कॉलेज में शिक्षकों के लिए क्वार्टर आवंटित के प्रस्ताव पर कुलपति ने कहा कि विवि हर संभव मदद को तैयार है. कॉलेज जगह और प्रस्ताव बना कर दे. सरकार के पास भेजा जायेगा. टाटा कॉलेज के किसी शिक्षक को क्वार्टर की जरूरत है, तो वह आवेदन करें. जैसे ही जगह मिलेगी. उन्हें क्वार्टर उपलब्ध करा दिया जायेगा. बैठक में मातृत्व अवकाश की अवधि बढ़ाने की मांग उठी. कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में मेटेरनिटी लीव 3 माह दिया जा रहा है. इसके बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. सरकार की सहमति का इंतजार है.

पश्चिमी सिंहभूम में घट जाता है हाउस व यात्रा भत्ता

सीनेट सदस्यों ने शिक्षकों के स्थानांतरण व दूसरे शहर की अपेक्षा कम हाउस रेंट व यात्रा भत्ता मिलने का मामला उठाया. पश्चिमी सिंहभूम में ग्रामीण क्षेत्र के हिसाब से भत्ता दिया जाता है. दूसरे शहर में भत्ता ज्यादा मिलता है. यहां के शिक्षकों को आर्थिक नुकसान हो रहा है. इस वजह से पश्चिमी सिंहभूम में कोई शिक्षक आना नहीं चाहते हैं. ज्यादातर शिक्षक जमशेदपुर में रहना चाहते हैं. पीएफ की समस्या पर चर्चा हुई. कुलपति ने बताया कि अभी तक केयू में 8 लोगों को अनुकंपा पर नौकरी दी गयी है. तीन लोगों को इसी वर्ष अनुकंपा पर नौकरी मिली है.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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