Chaibasa News : एंग्लो इंडियन थियो साल्वाडोर ने हिंदी को बनाया जीवन का आधार
जब पूरा देश हिंदी दिवस के अवसर पर राष्ट्रभाषा की गरिमा और महत्व को याद कर रहा है, ऐसे समय में एक एंग्लो इंडियन शिक्षक थियो साल्वाडोर दूसरों के लिए मिसाल बनकर सामने आए हैं.
चक्रधरपुर.
जब पूरा देश हिंदी दिवस के अवसर पर राष्ट्रभाषा की गरिमा और महत्व को याद कर रहा है, ऐसे समय में एक एंग्लो इंडियन शिक्षक थियो साल्वाडोर दूसरों के लिए मिसाल बनकर सामने आए हैं. अंग्रेजी भाषी परिवार से होने के बावजूद थियो ने हिंदी को सिर्फ एक विषय नहीं, बल्कि अपनी पहचान बना ली है. थियो साल्वाडोर एक निजी विद्यालय में शिक्षक हैं और वर्तमान में एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऐप ‘मेंट्जा एआइ’ में डेवलपर के रूप में भी कार्यरत हैं. उनका पालन-पोषण अंग्रेजी बोलने वाले एंग्लो इंडियन परिवार में हुआ, जहां घर में केवल अंग्रेजी बोली जाती थी. इसके बावजूद उन्होंने स्नातक और बीएड की पढ़ाई में हिंदी विषय को चुना और पूरे मन से अध्ययन किया. थियो साल्वाडोर चक्रधरपुर के निजी स्कूल में शिक्षक हैं. उनके पिता यहां रेलवे में कार्यरत थे.हिंदी बनी आदत
फिर पहचान थियो बताते हैं, घर से बाहर मैंने हमेशा हिंदी को प्राथमिकता दी. चाहे स्कूल में विभागीय कार्य हो या पत्राचार. अधिकतर काम मैं हिंदी में ही करता हूं. उनका मानना है कि भाषा केवल संप्रेषण का माध्यम नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और पहचान का आइना होती है. वे कहते हैं, हिंदी ने मुझे अपनेपन और जुड़ाव का अहसास कराया है. मुझे इस बात पर गर्व है कि अब मेरी 90 प्रतिशत बातचीत हिंदी में होती है. शुरू में यह मेरे लिए चुनौतीपूर्ण था, लेकिन अब यह मेरी आदत और पहचान दोनों बन चुकी है.
तकनीक में भी भारतीय भाषाओं को देना चाहते हैं स्थान
मेंट्जा एआइ ऐप में कार्य करते हुए थियो मुख्यतः अंग्रेजी का उपयोग करते हैं, लेकिन उनका लक्ष्य भविष्य में हिंदी सहित अन्य भारतीय भाषाओं को तकनीकी मंचों पर आगे लाना है. वे मानते हैं कि भाषा से बड़ी कोई दीवार नहीं होती है और अपनाने की चाह ही सबसे बड़ी ताकत होती है.
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