सिपाही भर्ती में मजबूत काठी वाले युवाओं को मिलेगी प्राथमिकता, सीएम हेमंत सोरेन ने की ये बड़ी घोषणाएं

hemant soren in chaibasa : कल हेमंत सोरेन चाईबासा में थे, जिसमें उन्होंने आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम कई बड़ी घोषणाएं की. जिसमें सिपाही बहाली में मजबूत कठी वाले युवाओं को प्राथमिकता समेत पेंशन से संबिधित बातें प्रमुख हैं

By Prabhat Khabar | December 4, 2021 7:03 AM

चाईबासा : राज्य में 20 साल में पहली बार नियुक्ति नियमावली बन रही है. वहीं विधवा, बुजुर्ग व दिव्यांग को कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. उन्हें पंचायत में पेंशन मिलेगी व हर समस्या का समाधान होगा. वहीं सिपाही बहाली में वैसे लोगों को प्राथमिकता मिलेगी, जो शारीरिक रूप से मजबूत हैं.

ये बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहीं. वे शुक्रवार को पश्चिमी सिंहभूम जिले के टोंटो स्थित सेरेंगसिया फुटबॉल मैदान में आपके अधिकार, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम में बोल रहे थे. मुख्यमंत्री ने 7.78 करोड़ की लागत से 16 योजनाओं का शिलान्यास और 1.08 करोड़ की दो योजनाओं का लोकार्पण किया. मुख्यमंत्री ने सेरेंगेसिया के वीर शहीद पोटो हो के शहीद स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित की.

परंपरागत व्यवस्था छोड़ने से 40% बच्चे कमजोर पैदा हो रहे

मुख्यमंत्री ने कहा कि परंपरागत व्यवस्था छोड़ने के कारण हम गरीब होते जा रहे हैं. एक समय घरों में गाय, बकरी, मुर्गा-मुर्गी आदि भरे रहते थे. अब वे सब नहीं के बराबर हैं. यही वजह है कि राज्य में 40% से ज्यादा बच्चे कमजोर पैदा हो रहे हैं.

सरकार उस व्यवस्था को फिर से खड़ा करेगी. इससे आनेवाली पीढ़ी मजबूत होगी. वहीं लोगों की आय के साधन बढ़ेंगे. कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री जोबा मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, विधायक सोना राम सिंकू, दशरथ गागराई, निरल पुरती, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का आदि मौजूद थे.

मुर्गी और मछली पालन करें, सरकार खरीदेगी

सीएम ने कहा कि ग्रामीण मुर्गी पालन फॉर्म खोलें और अंडे का उत्पादन करें. उसका एग्रीमेंट डीसी करेंगे व सरकार उत्पाद खरीदेगी. आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. लोग मछली पालन कर सकते हैं. अभी मछलियां दूसरे राज्यों से आती हैं

अब ग्रामीण अपना उत्पाद सखी मंडल को बेच सकेंगे

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों से कहा कि राज्य सरकार आपके साथ खड़ा होना चाहती है. आप भी अपना हाथ आगे करें. अब ग्रामीणों को चावल, दाल आदि बेचने के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है. वह सखी मंडल के स्तर से अपना उत्पाद बेच सकेंगे.

Posted By : Sameer Oraon

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