Chaibasa News : उपभोक्ता आयोग ने बीमा कंपनी को 1.10 लाख रुपये भुगतान का दिया आदेश
कार क्षतिग्रस्त होने पर वाहन मालिक ने बीमा राशि के लिए दिया था आवेदन
चाईबासा. जिला उपभोक्ता विवाद आयोग ने वाहन बीमा के ऑन डैमेज क्लेम को अनुचित रूप से अस्वीकार करने के मामले में यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को सेवा में कमी की दोषी करार देते हुए शिकायतकर्ता को 1,10 लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है. झींकपानी के स्टेशन कॉलोनी निवासी प्रमोद कुमार लोहानी ने उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कराया था. शिकायतकर्ता ने बताया कि अपनी मारुति वैगन-आर का बीमा यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस कंपनी से कराया था. इसकी वैधता 19 मई 2023 से 18 मई 2024 तक थी. बीमा में निरंतरता बनाए रखने के लिए उन्होंने उसी वाहन के लिए दूसरी बीमा पॉलिसी चोलामंडलम एमएस जनरल इंश्योरेंस कंपनी से 12 जनवरी 2024 से 11 जनवरी 2025 तक की अवधि के लिए ली. 29 मार्च 2024 को वाहन की बाईं ओर का एक्सल अचानक टूट जाने के कारण ओडिशा के क्योंझर जिले के रामचंद्रपुर क्षेत्र में दुर्घटना हो गयी. इस दुर्घटना में वाहन क्षतिग्रस्त हो गया. वाहन को ज्योति मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड क्योंझर में मरम्मत के लिए ले जाया गया. जहां मरम्मत खर्च का आकलन 1,35,282 रुपये किया गया.
वाहन मालिक ने दुर्घटना की सूचना बीमा कंपनी को समय पर दी :
शिकायतकर्ता ने दुर्घटना की सूचना समय पर बीमा कंपनी को दी. आवश्यक दस्तावेज भी प्रस्तुत किए. यूनिवर्सल सोम्पो द्वारा दावा संख्या भी जारी की गयी, परंतु बाद में कंपनी ने एफआइआर, ड्राइविंग लाइसेंस और दूसरी बीमा कंपनी से नो लायबिलिटी सर्टिफिकेट की मांग करते हुए दावा अस्वीकार कर दिया. मरम्मत राशि का भुगतान नहीं होने के कारण वाहन लंबे समय तक वर्कशॉप में खड़ा रहा. जिससे शिकायतकर्ता को प्रतिदिन 250 का अतिरिक्त पार्किंग शुल्क भी देना पड़ा. शिकायतकर्ता ने इसे सेवा में गंभीर कमी बताते हुए कुल 2,55,282 रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग की. इसमें मरम्मत खर्च, मानसिक प्रताड़ना, पार्किंग शुल्क, वाद व्यय और सेवा में कमी का मुआवजा शामिल था. 45 दिनों के भीतर राशि भुगतान का आदेश दिया. आदेश का पालन नहीं होने की स्थिति में उक्त राशि पर 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज देय होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
