Bokaro News : लीज पर क्वार्टर देने को लेकर सब कमेटी की अगली बैठक का एक साल से हो रहा इंतजार

Bokaro News : रिटायर्ड कोलकर्मियों लीज पर क्वार्टर देने को लेकर सब कमेटी की अगली बैठक का एक साल से इंतजार हो रहा है.

By JANAK SINGH CHOUDHARY | June 23, 2025 12:31 AM

राकेश वर्मा, बेरमो, रिटायर्ड कोलकर्मियों को लीज पर क्वार्टर दिये जाने (यूटिलाइजेशन ऑफ सरप्लस क्वार्टर) को लेकर करीब डेढ़ साल पहले जेबीसीसीआइ मानकीकरण कमेटी की बैठक में आठ सदस्यीय सब कमेटी का गठन किया गया था. इसमें कोल इंडिया के अधिकारियों के अलावा बीएमएस, एचएमएस, एटक व सीटू के एक-एक नेता को शामिल किया गया था. इस कमेटी की पहली बैठक वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद धनबाद में हुई थी. लेकिन आचार संहिता के कारण किसी तरह का फैसला नहीं लिया जा सका था. चुनाव के बाद सब कमेटी की दूसरी बैठक भी हुई. इसमें इस बात पर सहमति बनी थी कि कोल इंडिया की सभी कंपनियों से टाइप ऑफ क्वार्टर, सरप्लस क्वार्टर और अवैध कब्जा वाले क्वार्टरों की संख्या मंगाया जाये. जिसके बाद सभी कंपनियों ने कोल इंडिया को सूची सबमीट कर दिया. लेकिन अभी तक सब कमेटी की बैठक नहीं होने के कारण कमेटी कोई निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है. फिलहाल एक साल से रिटायर्ड कोलकर्मी बेसब्री से सब कमेटी की अगली बैठक होने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि कोई निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके. एटक नेता व जेबीसीसीआइ सदस्य लखनलाल महतो ने बताया कि सभी कंपनियों ने कोल इंडिया को सूची सौंप दी है. बैठक में रिकमेंडेशन कर जेबीसीसीआइ मानकीकरण की बैठक में सबमिट करना है, ताकि कोल इंडिया इस पर कोई ठोस फैसला ले सके.

जेबीसीसीआइ सदस्यों ने कोल इंडिया चेयरमैन के समक्ष उठाया था मामला

वेतन समझौता-11 के समय जेबीसीसीआइ की पहली बैठक में ही जेबीसीसीआइ सदस्यों ने कोल इंडिया चेयरमैन के समक्ष इस मामले को उठाया था. वेतन समझौता-11 में रिटायर होने वाले कर्मियों को क्वार्टर लीज देने की मांग प्रबंधन को दिये गये संयुक्त मांग पत्र में शामिल की गयी थी. इसके बाद नवंबर 2021 में कोल इंडिया ने इसको लेकर सर्कुलर जारी कर दिया. इसके बाद जेबीसीसीआइ की पांचवी बैठक में पुन: जेबीसीसीआइ सदस्यों ने कोल इंडिया चेयरमैन के समक्ष इस मामले को उठाया तथा कहा कि जब पहली बैठक में इस पर बात हुई थी तो इसके बावजूद कोल इंडिया की ओर से क्वार्टर को लेकर सर्कुलर क्यों जारी किया. इस पर कोल इंडिया चेयरमैन ने जेबीसीसीआइ सदस्यों को आश्वस्त किया था कि इसको लेकर कोई रास्ता निकाला जायेगा. बाद में जेबीसीसीआइ मानकीकरण कमेटी की बैठक में इसको लेकर सब कमेटी का गठन किया गया.

जेसीएसी की बैठक में कमेटी का किया गया था गठन

चार-पांच साल पहले इस मामले को लेकर सीसीएल में संयुक्त सलाहकार संचालन समिति की बैठक में प्रबंधन के समक्ष यूनियन नेताओं ने पुरजोर रूप से उठाया था. इसके बाद प्रबंधन व जेसीएसी सदस्यों को मिला कर एक कमेटी का गठन किया गया था. इसमें कहा गया था कि कमेटी सेल व एचइसी का भ्रमण कर वहां की स्थिति को पटल पर रखेगी. पाया गया कि एचइसी व सेल में लाइसेंस फी के आधार पर रिटायर होने वाले कर्मियों को क्वार्टर दिये जाने का प्रावधान है. बाद में इसे सीसीएल के एटीआर (एक्शन टेकन रिपोर्ट) में शामिल भी किया गया. लेकिन गठन के बाद से इस कमेटी की एक भी बैठक नहीं हुई.

रिटायर कोल कर्मी प्रबंधन की नीति से हैं नाराज

कई रिटायर कोल कर्मी कहते हैं कि 30-40 साल कोयला खदानों में जान जोखिम में डाल कर कार्य करने वालों के साथ प्रबंधन का रवैया सम्मानजनक नहीं है. एक तरफ हमलोगों की ग्रेच्युटी राशि रोक दी जा रही है. दूसरी ओर पावना राशि से क्वार्टर का पैनल रेंट काटा जा रहा है. यह न्यायसंगत नहीं है. दूसरी ओर कंपनी के हजारों क्वार्टरों पर अवैध कब्जा है. सेल की तरह कोल इंडिया के क्वार्टरों को भी लीज पर दे देना चाहिए. एक आकलन के अनुसार सीसीएल का मैन पावर वर्तमान में लगभग 30-32 हजार है. जबकि टाइप क्वार्टरों की संख्या 45 हजार के करीब है.

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