वेतन समझौते को लेकर बीएसएल और सेल के कर्मियों में आक्रोश, हड़ताल की चेतावनी

बोकारो (सुनील तिवारी) : बीएसएल के 9500 सहित सेल के 56 हजार कर्मियों का वेतन समझौता जनवरी 2017 से लंबित है. कर्मियों के वेतन समझौते को लेकर नेशनल ज्वाइंट कमेटी फॉर स्टील-एनजेसीएस ने कड़ा रूख अख्तियार कर लिया है. वेतन समझौता को लेकर सेल प्रबंधन की ओर से पहली बार बुलाई गयी एनजेसीएस की 09 नवंबर को हुई वर्चुअल मीटिंग में एनजेसीएस अक्रामक मूड में दिखी. सेल प्रबंधन के तीनों प्रस्ताव को कर्मचारी प्रतिनिधियों ने एकमत से खारिज कर दिया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 18, 2020 9:25 AM

एनजेसीएस के नेता वेतन समझौता को लेकर बीएसएल सहित पूरे सेल में हड़ताल तक की चेतावनी दे रहे हैं. बोकारो इस्पात कामगार यूनियन-एटक वेतन समझौता को लेकर आंदोलनरत हैं. उधर, क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ-एचएमएस ने कहा है कि अगर कर्मी हित में सेल प्रबंधन ने फैसला नहीं लिया, तो जरूरत पड़ने पर बीएसएल सहित पूरे सेल में हड़ताल का आहृवान किया जायेगा. उधर, एनजेसीएस के साथ-साथ बीएसएल सहित सेल कर्मी भी गुस्से में हैं.

एनजेसीएस नेताओं का एकमत स्पष्ट रूख है कि वेतन समझौता 01 जनवरी 2017 से हीं होना चाहिए. 01 जनवरी 2017 से हीं एरियर का भी भुगतान होना चाहिए. वेतन समझौता पांच साल पर किया जाय. उधर, सेल प्रबंधन ने भी स्पष्ट रूप से बोल दिया है कि एक जनवरी 2017 से वेतन समझौता लागू नहीं कर सकते और न हीं एरियर दे सकते हैं. अब देखने वाली बात यह है कि उंट किस करवट बैठता है. कारण, एनजेसीएस नेता अभी एकमत नजर आ रहे हैं.

09 नवंबर को सेल प्रबंधन ने वेतन समझौते के लिए तीन ऐसे प्रस्ताव रख दिये हैं, जिससे कर्मचारियों को भारी आर्थिक नुकसान होना तय है. एनजेसीएस नेताओं ने सेल के अधिकारियों को स्पष्ट रूप से बोल दिया है कि नकारात्मक प्रस्ताव लाकर कर्मियों के मनोबल को तोड़ा गया है. इसलिए सेल प्रबंधन के प्रस्ताव को खारिज किया जा रहा है. 09 नवंबर को हुई बैठक में प्रस्ताव पर चर्चा व बहस में ही पूरा समय बीत गया. कोई फैसला नहीं हो सका.

09 नवंबर को वर्चुअल मीटिंग में अगली बैठक जल्द बुलाने की बात बोलकर प्रबंधन ने सबको धन्यवाद ज्ञापित कर दिया. बैठक कब बुलायी जायेगी? तारीख अभी तक तय नहीं है. मीटिंग में एनजेसीएस यूनियन नेताओं को सुनने के बाद डायरेक्टर फाइनेंस अमित सेन ने बोलना शुरू किया. कहा : सेल के हालात से सबको पहले हीं वाकिफ कर दिया गया है. कर्मचारियों को इसकी जानकारी दे दी गयी है. कहा-सुनी के बाद श्रमिक एनजेसीएस ने लिखित में प्रस्ताव मांगा.

बोकारो के एनजेसीएस नेताओं ने कहा कि सेल प्रबंधन के नकारात्मक प्रस्ताव को एकमत रूप से खारिज कर दिया गया है. हम कर्मचारियों को लाभ दिलाने के लिए बैठे हैं. नुकसान कराने के लिए नहीं. प्रबंधन ने एमजीबी पर कोई चर्चा तक नहीं की. सवाल पूछने पर प्रबंधन ने कहा : सब कमेटी में इस मुद्दे को रख लेंगे. इस पर भी तकरार हुई. नेताओं ने यहां तक बोल दिया कि इस तरह का प्रस्ताव वापस लिया जाय. निगेटिव प्रस्ताव को सेल कर्मी नहीं स्वीकार करेंगे.

फैक्ट फाइल

2017 एक जनवरी 2017 से लंबित है वेतन समझौता

3500 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च आएगा 2017 से लागू होने पर

1400 करोड़ रुपये के घाटे में है भारतीय इस्पात प्राधिकरण

1000 करोड़ रुपये हर साल अतिरिक्त खर्च होगा वेतन समझौता पर

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वर्चुअल मीटिंग में सेल प्रबंधन का प्रस्ताव

– 01 जनवरी 2017 से वेतन समझौता नहीं कर पायेंगे. उस समय सेल घाटे में था. वेतन समझौता करते हीं अतिरिक्त 1000 करोड़ रुपये का भार आयेगा

– यदि एक जनवरी 2017 से वेतन समझौता लागू करेंगे तो 3500 करोड़ रुपये का खर्च आयेगा. वर्तमान में सेल 1400 करोड़ के घाटे में है

– वेतन समझौता जिस तारीख से होगा, उसी समय से लागू किया जायेगा. एक जनवरी 2017 से लंबित वेतन समझौते का एरियर नहीं दिया जायेगा

– पांच साल के बजाय दस साल के लिए वेतन समझौता लीजिए. ग्रेच्युटी पर सीलिंग होनी चाहिए.

– मिनिमम गारंटेड बेनिफिट-एमजीबी का मुद्दा हल करने के लिए एनजेसीएस सब कमेटी के पास भेजा जायेगा. इसको बाद में हल कर लिया जायेगा.

वर्चुअल मीटिंग में सेल का प्रस्ताव

– वेतन समझौता दस साल का करने का प्रस्ताव आया. यूनियन नेताओं ने पूछा : आखिर किस दिन से इसे लागू करेंगे और आर्थिक लाभ कब से देंगे. प्रबंधन ने जवाब दिया : जिस दिन से समझौता होगा, उसी दिन से लाभ दिया जायेगा, लेकिन एरियर नहीं देंगे

– ग्रेच्युटी पर सीलिंग को लेकर भी बहस हुई. जिस दिन से वेतन समझौता होगा, उस महीने में यदि कर्मचारी की ग्रेच्युटी 20 लाख से अधिक है तो वहीं सीलिंग लग जायेगी. लेकिन, जिसकी ग्रेच्युटी 20 लाख से कम है तो उसकी ग्रेच्युटी 20 लाख होने तक बढ़ती रहेगी

बोकारो इस्पात कामगार यूनियन (एटक) के महामंत्री रामाश्रय प्रसाद सिंह ने कहा कि वर्चुअल मीटिंग में केंद्र सरकार व सेल प्रबंधन की नियत साफ हो गयी. नियत में मजदूरों का भला नहीं है. यूनियन 11 नवंबर को 26 नवंबर की हड़ताल के लिये प्रबंधन को नोटिस दिया है. मार्केट व कंपनी की स्थिति अच्छी है. 2017 से हीं वेतन समझौता लागू करें. कर्मचारियों में बहुत आक्रोश व निराशा है. सेल प्रबंधन ने बैठक में नकारात्मक प्रस्ताव लाकर कर्मियों को मायूस किया है. वेतन समझौता के लिये वर्चुअल मीटिंग नहीं, फिजिकल मीटिंग होनी चाहिए.

क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ (एचएमएस) के महामंत्री राजेद्र सिंह ने कहा कि सेल प्रबंधन से प्रस्ताव को लिखित रूप से मांगा गया है. प्रस्ताव मिलने के बाद एनजेसीएस नेता आपस में विचार-विमर्श करेंगे. उसके बाद एनजेसीएस के रूख से प्रबंधन को अवगत कराते हुये फिजिकल बैठक बुलायी की मांग की जायेगी. एरियर जनवरी 2017 से व वेतन समझौता पांच साल पर हीं चाहिए. उससे कम पर समझौता नहीं होगा. जरूरत पड़ी तो बीएसएल सहित पूरे सेल में हड़ताल का आहृवान किया जायेगा. कर्मियों में बहुत आक्रोश है.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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