बोकारो में मुआवजा नहीं मिलने से परिजनों ने शव लेने से किया इंकार, बरमसिया पावर ग्रिड में की तालाबंदी

बोकारो के चंदनकियारी प्रखंड स्थित बरमसिया पावर ग्रिड सब स्टेशन में एक गार्ड की करंट लगने से मौत हो गई थी. परिजनों ने कंपनी से मुआवजा व नियोजन की मांग की लेकिन कंपनी के तरफ से नहीं दिया गया. जिसके बाद परिजनों ने शव को लेने से इंनकार कर धरना दिया और बरमसिया पावर ग्रिड में तालाबंदी कर दी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2022 8:24 AM

Bokaro news: चंदनकियारी प्रखंड स्थित बरमसिया पावर ग्रिड सब स्टेशन में ड्यूटी पर तैनात रोहनीगड़ा गांव निवासी 34 वर्षीय गार्ड डॉक्टर महतो की मौत करंट लगने से हो गयी थी. हादसा के दो दिन बाद भी ग्रिड का निर्माण करने वाली कंपनी की ओर से मुआवजा व नियोजन नहीं दिये जाने पर मृतक के परिजनों व ग्रामीणों ने गुरुवार को ग्रिड के मेन गेट में ताला बंद करते हुए धरना दिया और नारेबाजी की.

परिजनों ने शव लेने से किया इंकार

जानकारी मिलने पर पूर्व विधायक उमाकांत रजक, झामुमो नेता विजय रजवार, प्रखंड 20 सूत्री अध्यक्ष सृष्टिधर रजवार पहुंचे. सभी ने कंपनी के पदाधिकारियों से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की लेकिन फोन बंद मिला. दूसरी ओर मुआवजा व नियोजन नहीं मिलने से नाराज परिजनों ने शव लेने से इंकार कर दिया है.

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प्रबंधक व अन्य को बताया जिम्मेदार

इधर, गार्ड की पत्नी बुधुना देवी ने कंपनी के पदाधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए आवेदन दिया है. कहा है कि पति कंपनी में सुरक्षा गार्ड थे. ड्यूटी के दौरान पति को सुरक्षा के अलावा बिजली संबंधित काम करने को कहा जाता था. कंपनी के अधिकारियों के अनुसार काम नहीं करने पर नौकरी से निकाल देने की धमकी दी जाती है. बुधुना के अनुसार उसके पति को कंपनी के प्रबंधक एनके ओझा, पुष्पा ठाकुर, डीजीएम रत्नेश्वर व साइड इंचार्ज धनेश्वर महतो द्वारा दबाव दिया जाता था. हालांकि खबर लिखे जाने तक पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया था.

क्या है पूरा मामला

बता दें कि डॉक्टर महतो पावर ग्रिड निर्माण करनेवाली कंपनी फलोंमोर लिमिटेड में सुरक्षा गार्ड था. 9 अगस्त को काम करने के दौरान करंट लगने से उसकी स्थिति गंभीर हो गयी थी. आनन-फानन में उसे बीजीएच में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान 16 अगस्त को उसकी मौत हो गयी. मौत के बाद कंपनी से मुआवजा मांगा गया था, मगर कंपनी ने मना कर दिया था. लिहाजा, परिजनों व ग्रामीणों ने विरोध में अब तक मृतक का शव नहीं लिया है. शव बीजीएच में ही पड़ा हुआ है. धरनास्थल पर कुमुद महतो, दिलीप ओझा, जगनाथ रजवार, शिबू महतो, जगदीश रजवार समेत सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे.

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