Bokaro News : खरपिटो में 177 वर्षों से की जा रही है मनसा पूजा
Bokaro News : नावाडीह प्रखंड के खरपिटो में मां मनसा की पूजा विगत 177 वर्षों से की जा रही है.
मनोज वर्णवाल, नावाडीह, नावाडीह प्रखंड के खरपिटो में मां मनसा की पूजा विगत 177 वर्षों से की जा रही है. ग्रामीणों का मनाना है कि यहां संतान प्राप्ति की इच्छा मां पूरी करती है. मनोकामना पूरी होने पर लोग बकरा, कबूतर व बतख की बली देते हैं. यहां मां मनसा के साथ साथ चोपाई नगर के राजा चांद व रानी सोनिका की भी प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जाती है. पूजा को लेकर गांव में तैयारी हो रही है. रविवार को संयोत किया गया. सोमवार को दिन भर उपवास रखा गया और देर रात में पूजा की गयी. मंगलवार की सुबह बकरा, बतख व कबूतर की बली दी जायेगी. ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 1997 में ग्रामीणों ने चंदा कर भव्य मंडप का निर्माण किया. स्थानीय मुखिया मुखिया नंदलाल नायक ने निजी मद से सहयोग कर मंडप की सौंदर्यीकरण कराया. पूजा को लेकर मुखिया नंदलाल नायक, पंसस डीलेश्वर महतो, वार्ड सदस्य नीलकंठ नायक, हीरालाल साव, डिग्री कॉलेज के प्राचार्य चन्दिका महतो, खिरू महतो, गोपाल महतो, मेधु तुरी, अन्तु रविदास , भीम नायक, खेमलाल महतो, उत्तम रजक, जागेश्वर पंडित, हीरालाल तुरी, परमेश्वर ठाकुर, अर्जुन नायक, ईश्वर साव, बधु पंडित आदि लगे हैं.
पुजारी ने बताया कि पूर्व में सिर्फ मां मनसा, मां लखी व मां सरस्वती की प्रतिमाएं गणेश पंडित के खपरैल मकान स्थापित कर पूजा शुरू की गयी थी. चोपाई नगर के राजा चांद शिव भक्त थे, इसलिए यहां की मनसा पूजा पर रोक लगा दी थी. लगभग दस साल तक पूजा नहीं हुई थी. इसी बीच राजा चांद के सात पुत्रों में से छह की असमय मौत हो गयी. बाद में मां मनसा सपने में आयीं. इसके बाद राजा चांद, रानी सोनिका, पुत्र लखींदर व पुत्रवधू बेहुला ने आकर मां मनसा की पूजा कर बकरे की बली दी. इसके बाद से यहां मां मनसा, मां लखी, मां सरस्वती के अलावा राजा चांद, रानी सोनिका, पुत्र लखीदर व पुत्रवधू बहुला की भी प्रतिमाएं स्थापित कर पूजा की जाती है. पूजा के बाद मांगुर मछली की बली दी जाती है. इसके बाद बकराें, कबूतरों व बतख की बली दी जाती है.विषैले जीवों से बचने के लिए की जाती है यह पूजा
फुसरो. विभिन्न क्षेत्रों में रविवार को धूमधाम से मां मनसा की पूजा की गयी. शांतिनगर फुसरो में प्रतिमा स्थापित कर पूजा की गयी. प्रत्येक वर्ष की तरह ढोल-ढाक के साथ भक्तों ने स्थानीय दामोदर नदी से बारी लाया. मौके पर मां मनसा का मंगल पाठ किया गया. देर शाम पूजा की गयी. यह पूजा मुख्य तौर पर तीन दिनों तक चलती है. पहले दिन नहाय-खाय और दूसरे दिन व्रती दिन भर उपवास में रह कर रात में पूजा करते हैं. माना जाता है कि विषैले जीवों के दंश से बचने के लिए यह पूजा की जाती है. मौके पर मुख्य यजमान मनोज ठाकुर सहित निवर्तमान वार्ड पार्षद रिया कुमारी, सिंकदर ठाकुर, बिनोद ठाकुर, प्रदीप ठाकुर, दीपक ठाकुर, संतोष ठाकुर, सुजीत ठाकुर, वासुदेव ठाकुर, रोहित, राहुल केटी, दीपक ठाकुर, अंजली देवी, नेहा कुमारी, प्रीति कुमारी, वीणा देवी, संध्या, रोमित, रोहित आदि थे. पिछरी मेन रोड के प्योर ढाेरी मोड़ निवासी नरेश दत्ता के आवास में प्रतिमा स्थापित कर पूजा की गयी. काफी संख्या में श्रद्धालु दर्शन व पूजा के लिए पहुंचे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
