Dinesh Ram Murder Case:रिटायरमेंट के पैसे के लिए हुई थी BSL कर्मी की हत्या, 3 अरेस्ट, जल्द सुलझेगी गुत्थी

Dinesh Ram murder case: बोकारो स्टील प्लांट से सेवनिवृत्त दिनेश राम की हत्या की गुत्थी जल्द सुलझ सकती है. वे वर्तमान में बोकारो के बांसगोड़ा में किराये के मकान में रहते थे. पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी है कि रिटायरमेंट के बाद मिले रुपये को हड़पने के इरादे से हत्या की गयी थी.

By Prabhat Khabar | September 6, 2022 7:26 AM

Dinesh Ram murder case: बोकारो स्टील प्लांट से सेवनिवृत्त दिनेश राम की हत्या की गुत्थी जल्द सुलझ सकती है. वे वर्तमान में बोकारो के बांसगोड़ा में किराये के मकान में रहते थे. पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी है कि रिटायरमेंट के बाद मिले रुपये को हड़पने के इरादे से हत्या की गयी थी. इसी कड़ी में रविवार की रात बोकारो पहुंची पलामू पुलिस बालीडीह थाना क्षेत्र के तीन युवकों को हत्या में शामिल होने के संदेह पर पूछताछ के लिए छतरपुर (पलामू) ले गयी है. गौरतलब है कि दिनेश की हत्या कर उसकी लाश लरमी-बाघामाडा (छतरपुर थाना से 15 किमी दूर) जानेवाली सड़क के किनारे झाड़ी में फेंक दी गयी थी, जिसे 24 अगस्त को पुलिस ने ग्रामीणों की सूचना पर बरामद किया था. शव की पहचान 25 अगस्त को दिनेश राम के रूप में हुई थी.

क्या है मामला : जानकारी के अनुसार दिनेश राम रोहतास (बिहार) जिला के शिवसागर थाना के किरकेंडी गांव के रहनेवाले थे. उनके बेटे की मौत कुछ माह पूर्व हो गयी थी, जबकि पोते की मौत तीन वर्ष पूर्व हो चुकी है. तीन बेटियां है. उनकी शादी हो चुकी है. बहू पैतृक गांव में रहती है. बेटे व पोते की मौत के बाद दिनेश को अपने वंश को बढ़ाने की चिंता थी. इसी दौरान दिनेश की मुलकात मिथिलेश पासवान से हुई. वह पलामू जिले के छतरपुर थाना के हिसाग गांव के डुंडूर टोला का रहनेवाला है. लेकिन वर्तमान में बोकारो के बासगोड़ा में रहता है. मिथिलेश ने दिनेश की परेशानी जानकर अपने जाल में फंसाया. अपने गांव की एक लड़की से शादी कराने की बात कही. इसके बाद दिनेश को अपने गांव डुंडूर ले गया. वहां उसके खाते में जमा पैसे को लेने के बाद हत्या कर शव को जंगल में फेंक दिया.

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तीन खाता में ट्रांसफर किये गये थे पैसे : पुलिस ने दिनेश की जेब से मिले आधार कार्ड के जरिये उसकी पहचान की थी. पुलिस ने जब जांच शुरू की तो मालूम चला कि दिनेश की खाते से करीब सात लाख रुपये मिथिलेश के बेटे अभिमन्यु उर्फ मोनू, बोकारो के शिवपुरी 43 मोड़ बालीडीह निवासी मो इम्तेयाज़ (गोविंद मार्किट में टेलर की दुकान) व संतु शर्मा के खाते में ट्रांसफर किये गये थे. इसके बाद केस के आईओ अवर निरीक्षक प्रियरंजन ने बोकारो से रविवार को तीनों युवकों को गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए छतरपुर थाना ले आयी. हालांकि, हत्या का मुख्य आरोपी मिथिलेश पासवान पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है.

सूत्रों की मानें तो दिनेश को रिटायरमेंट के बाद करीब 60 लाख रुपये मिले थे. उनके जिंदा रहते हुए आरोपियों ने कुछ पैसे उसके मोबाइल से ट्रांसफर कर लिया था, जबकि कुछ पैसे उसकी हत्या के बाद उसके एटीएम कार्ड से ट्रांसफर किये गये. पुलिस की मानें तो दिनेश के खाते में 15 लाख रुपये थे. इसमें से सात लाख रुपये पकड़े गये तीन लोगों के खाते में पाये गये. शेष राशि निकाले जाने की जानकारी दिनेश के परिजनों से ली जा रही है. पुलिस का कहना है कि जल्द ही मुख्य आरोपी को पकड़ लिया जायेगा.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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