Bokaro News : दिस इज बीएसएल लैंड, ट्रेसपासर्स विल बी पनिश्ड

Bokaro News : नगर सेवा भवन के भूमि अभिलेख व आवंटन विभाग की पहल, कब्जा से जमीन बचाने के लिए 150 से अधिक बोर्ड लगा, भू-माफियाओं के खिलाफ लड़ाई.

By ANAND KUMAR UPADHYAY | September 8, 2025 11:23 PM

सुनील तिवारी, बोकारो, दिस इज बीएसएल लैंड, ट्रेसपासर्स विल बी पनिश्ड …मतलब, यह बीएसएल की जमीन है, इसपर अतिक्रमण या कब्जा करने वालों को सजा मिलेगी. जमीन को बचाने के लिए बीएसएल की यह नयी जुगत है. प्रबंधन से शहर में 150 से अधिक स्थानों पर इस तरह का बोर्ड लगाया है, ताकि उसकी जमीन पर कोई अतिक्रमण या कब्जा नहीं कर सके. लगभग सभी सेक्टरों के साथ शहर के आसपास की बीएसएल की जमीन पर भी इस तरह का बोर्ड लगाया गया है. इससे बीएसएल की जमीन पर कब्जा करने वालों में हड़कंप मचा हुआ है. बीएसएल के नगर सेवा भवन के भूमि अभिलेख एवं आवंटन विभाग के महाप्रबंधक एके सिंह की इस पहल से जमीन पर अतिक्रमण या कब्जा पर अचानक से ब्रेक लग गया है. यहां उल्लेखनीय है कि लगभग सभी सेक्टरों के साथ शहर के आसपास की बीएसएल की कई एकड़ जमीन खाली पड़ी हुई है.

सेक्टरों व आसपास की खाली पड़ी जमीन की घेराबंदी कर किया गया पौधरोपण

बीएसएल ने इससे पहले सीमेंट के पोल के सहारे लोहे के तार से जमीन की घेराबंदी की थी. सिटी सेंटर सेक्टर चार सहित सभी सेक्टरों और शहर के आसपास की जमीन पर यह घेराबंदी की गयी है. इसके तहत जमीन की घेराबंदी कर उसपर पौधरोपण कर दिया गया है. सिटी कॉलेज-सेक्टर छह के निकट चिह्नित 48 एकड़ जमीन की घेराबंदी कर पौधरोपण किया गया है. प्रबंधन अपनी जमीन के अतिक्रमण काे राेकने के लिए सेक्टरों में जगह- जगह छोटे-बड़े पैमाने पर जमीन की घेराबंदी की है. हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट ने खाली पड़ी जमीन की घेराबंदी की है. जमीन की घेराबंदी के बाद उसके अंदर पाैधराेपण किया गया है. इस प्लानिंग के तहत अब तक सेक्टर चार में क्रिकेट स्टेडियम के पास, सर्कस मैदान के पास, सेक्टर 12, सिटी कॉलेज-सेक्टर 06 के निकट, उकरीद मोड़ एनएच, बीएसएल एलएच सहित दर्जनों स्थानों पर जमीन की घेराबंदी की गयी है. इससे जमीन पर अतिक्रमण या कब्जा बहुत हद तक अंकुश लगा है.

बेशकीमती जमीन पर दलालों की नजर

दरअसल, बीएसएल की बेशकीमती जमीन पर दलालों की नजर लग गयी है. दलाल बीएसएल की जमीन को निजी बताकर बेच रहे हैं. मतलब, जमीन पर अतिक्रमण या कब्जा करने के साथ खरीदा-बेचा भी जा रहा है. 30 हजार से लेकर दो लाख रुपये तक में प्रति डिसमिल जमीन बिक रही हैं. बीएसएल एक्शन मोड में है. जमीन को बचाने के लिए तरह-तरह के उपाय करने के साथ नियमित रूप से कार्रवाई हो रही है. जहां कहीं भी बीएसएल की जमीन पर मकान या दुकान बना है, उसे बुलडोजर से गिराया जा रहा है. प्रबंधन ने आगाह किया है कि अधिग्रहीत भूमि की खरीद-फरोख्त न करें, अन्यथा अवैध निर्माण हटाने के अलावा सख्त कानूनी कार्रवाई भी की जायेगी. बीएसएल की ओर से जिन इलाकों में अब तक कार्रवाई की गई, उसमें बीएसएल एलएच, मधुडीह-सेक्टर नौ, चौफांद सहित लक्ष्मी मार्केट, सिटी सेंटर शामिल है. बीएसएल ने अल्टीमेटम दिया है : कब्जा हटा लें. समय पर कब्जा नहीं हटाया गया, तो प्रबंधन कार्रवाई करेगा.

सेल की 5030 एकड़, तो बीएसएल की 1800 एकड़ जमीन पर कब्जा

यहां उल्लेखनीय है कि सेल ने अपने वार्षिक रिपोर्ट 2024-25 में जानकारी दी है कि सेल की 5030 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा है, जो 2023-24 में 4896 थी. मतलब, एक साल में 134 एकड़ जमीन पर कब्जा बढ़ गया है. इसमें बीएसएल की 1800 एकड जमीन पर कब्जा है. बीएसएल द्वारा वर्ष 2020-21 में कराये गये ऑडिट की रिपोर्ट में कहा गया था कि 1932 एकड़ जमीन अतिक्रमणकारियों के हाथ में चली गयी. इसमें कुछ को मुक्त कराया गया है. साल 2018-19 की अवधि में कंपनों की 4475.75 एकड़ जमीन पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा था, जो साल 2019-20 में 67.19 एकड बढकर 4552.94 एकड़ हो गया. बाद में इसको अतिक्रमण मुक्त कराया गया. इसके बाद करीब 1700 से 1800 एकड़ बीएसएल जमीन पर अतिक्रमण है. पिछले कुछ माह से जमीन पर कब्जा व अवैध निर्माण को लेकर बीएसएल प्रबंधन एक्शन मोड में है. खासकर, नगर सेवा भवन के भूमि अभिलेख एवं आवंटन विभाग विशेष रूप से सक्रिय है.

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