Bokaro News : जगन्नाथ मंदिर बोकारो से पहली बार 2001 में निकली थी रथयात्रा

Bokaro News : 27 जून को निकलेगी भव्य ऐतिहासिक रथयात्रा, सज-धज कर तैयार हो रहा रथ, नीम व चंदन की लकड़ी से निर्मित जगन्नाथ, सुभद्रा व बलराम की प्रतिमा है मंदिर में स्थापित.

By ANAND KUMAR UPADHYAY | June 23, 2025 11:35 PM

सुनील तिवारी, बोकारो, 27 जून को सेक्टर चार स्थित जगन्नाथ मंदिर से ऐतिहासिक 25वीं रथयात्रा निकलेगी. उत्कल सेवा समिति बोकारो की ओर से 2001 में पहली बार रथयात्रा निकाली गयी थी. इसके बाद से आयोजन प्रत्येक वर्ष होता आ रहा है. मंदिर परिसर में रथ बनाया जा रहा है. मरम्मत व रंग-रोगन का काम चल रहा है. उसके बाद अब साज-सजावट का काम होगा. सजावट के लिए ओडिशा के पिपली से विशेष कपड़े मंगाये गये हैं.रथ को बारिश के पानी से बचाने के लिये तिरपाल लगाया गया है. रथ 25 जून तक तैयार हो जायेगा.

उल्लेखनीय है कि बीएसएल की ओर से भूमि आवंटित होने के बाद उत्कल सेवा समिति के प्रयास से निर्मित जगन्नाथ मंदिर का शिलान्यास 27 अगस्त 2000 को तत्कालीन केंद्रीय इस्पात मंत्री ब्रजकिशोर त्रिपाठी ने किया था. 2000 में शुरू हुआ मंदिर का निर्माण कार्य 2002 में पूरा हुआ. गोवर्द्धन पीठ पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर की अनुकृति के रूप में निर्मित मंदिर का उद्घाटन 18 जनवरी 2004 को पुरी के गजपति महाराज दिव्य सिंह देव ने किया था.

बोकारो के प्रतिष्ठित धार्मिक स्थलों में से एक है जगन्नाथ मंदिर

जगन्नाथ मंदिर के अंदर नीम व चंदन की लकड़ी से निर्मित भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा व बलराम की प्रतिमा स्थापित की गयी है. मंदिर के चारों कोने पर छोटे-छोटे मंदिरों का निर्माण कर महालक्ष्मी, मां दुर्गा, विमला, काशी विश्वनाथ व भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की गयी है. जगन्नाथ मंदिर बोकारो के प्रतिष्ठित धार्मिक स्थलों में से एक है. यह पुरी के प्रसिद्ध मंदिर की प्रतिकृति है. मंदिर अद्भुत वास्तुकला व शांत वातावरण के लिए आकर्षित करता है.

15 दिनों के लिए प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा एकांतवास में

उल्लेखनीय है कि 11 जून को महाप्रभु जगन्नाथ के साथ भाई बलभद्र और देवी सुभद्रा महास्नान के बाद बीमार हो गये है. सभी का जड़ी-बूटियों से इलाज किया जा रहा है. इस कारण 15 दिनों के लिए महाप्रभु जगन्नाथ के साथ भाई बलभद्र और देवी सुभद्रा एकांतवास में है. इस कारण 15 दिनों तक प्रभु जगन्नाथ भक्तों को दर्शन नहीं देते हैं. मंदिर के कपाट बंद रहते हैं. रथ यात्रा के एक दिन पूर्व 26 जून को नेत्रोत्सव अनुष्ठान होगा. उसके बाद प्रभु जगन्नाथ, भगवान बलभद्र व देवी सुभद्रा भक्तों को पुन: दर्शन देंगे.

अत्यंत शुभ व मंगलकारी होता है जगन्नाथ का नवयौवन दर्शन

भगवान जगन्नाथ 26 जून को स्वस्थ होंगे. इस दिन सुबह सात बजे मंदिर के कपाट खुलेंगे. भक्त भगवान जगन्नाथ का नवयौवन दर्शन करेंगे, जो अत्यंत शुभ व मंगलकारी होता है. 27 जून को सुबह 10 बजे से पूजा व पहंडी शुरू होगा. दोपहर 12 बजे छेरा-पहंरा की परंपरा का निर्वहन किया जायेगा. जगन्नाथ मंदिर से अपराह्न दो बजे ऐतिहासिक रथ यात्रा शुरू होगी, जो श्रीराम मंदिर सेक्टर जायेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है