Bokaro News : प्रति मिलियन टन उत्पादन के हिसाब से बोनस राशि तय करे प्रबंधन

Bokaro News : मजदूर मैदान से टू टैंक गार्डेन तक बीएसएल कर्मियों ने निकाली आक्रोश रैली, सेल प्रबंधन के वेज रिवीजन एमओयू, बोनस समझौता, एरियर व इंसेंटिव रिवार्ड पर रुख की निंदा.

By ANAND KUMAR UPADHYAY | September 13, 2025 11:02 PM

बोकारो, बीएसएल-सेल का बोनस फॉर्मूला विवाद सड़क पर आ चुका है. शनिवार को बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ (बीएकेएस) के बैनर तले दर्जनों बीएसएल कर्मियों ने एएसपीएलआइएस फॉर्मूले को रद्द करने की मांग को लेकर मजदूर मैदान सेक्टर चार से टू टैंक गार्डेन सेक्टर तीन तक आक्रोश रैली निकाली. बीएकेएस नेताओं व बीएसएलकर्मियों ने एक स्वर में प्रति मिलियन टन उत्पादन के हिसाब से बोनस राशि तय करने की मांग की. एएसपीएलआइएस फॉर्मूला को रद्द करने व प्रोडक्शन रिलेटेड पे को लागू करने की मांग की. टू टैंक गार्डेन में सभा हुई. सभा में वक्ताओं ने सेल प्रबंधन के वेज रिवीजन एमओयू, बोनस समझौता, एरियर, इंसेंटिव रिवार्ड पर रुख की निंदा की. एनजेसीएस व नेताओं के प्रबंधन परस्त नीतियों की भी निंदा की.

सभी समझौता जबरदस्ती लागू करने का विरोध

आक्रोश रैली में शामिल कर्मियों ने प्रोडक्शन डेटा, लाभ व अन्य आंकड़ों का बैनर-पोस्टर हाथ में लिया था. सेल प्रबंधन की ओर से जबरदस्ती सभी समझौता लागू करने पर विरोध जताया गया. पिछले तीन वर्षो से बोनस राशि सेल कर्मियों के खाते में भेजने के कारण कर्मी आक्रोशित दिखे. कहा कि बोनस को लेकर प्रोडक्शन अधारित प्रोडक्शन रिलेटेड पे-फार्मूला बने. प्रति टन 300-500 रुपये का प्रावधान किया जाये, ताकि बीएसएल-सेल कर्मियों को सम्मानजक बोनस मिले, जिसके वह हकदार है.

इस्पात मंत्रालय की मौन सहमति से बढ़ रहा कर्मियों का आक्रोश : अध्यक्ष

बीएकेएस के अध्यक्ष हरिओम ने कहा कि यह आक्रोश रैली नहीं, बल्कि सेल प्रबंधन की गलत नीतियों का सबूत है कि कर्मचारी काम करने के बाद अपने हक के लिए सड़क पर उतर रहे है. इस्पात मंत्रालय की मौन सहमति कर्मियों के आक्रोश को और बढ़ा रहा है. हर हालत में प्रोडक्शन रिलेटेड-पे ले कर रहेंगे. एक तरफ सेल चेयरमैन, निदेशक कार्मिक, निदेशक प्रभारी, अधिशासी निदेशक, मुख्य महाप्रबंधक सहित सभी अधिकारी कर पूर्व लाभ का पांच प्रतिशत पीआरपी लेते है. उस समय कंपनी के हितों की चिंता किसी को नही होती है. लेकिन, कर्मियों को बोनस देने के लिए जलेबी जैसा टेढ़ा फाॅर्मूला बनाया जाता है.

हर बार कर्मियों को छला जाता है : महासचिव

सभा को महासचिव दिलीप कुमार सहित अन्य ने भी संबोधित किया. कहा कि हम कर्मचारियों के दम पर प्लांट चल रहा है, जिसका उदाहरण रविवार व राष्ट्रीय छुट्टियों के दिन का उत्पादन है. उस दिन सेल चेयरमैन से लेकर सभी अधिकारी छुट्टी में रहते है. हम 19.2 मिलियन टन उत्पादन करने वाले फौलादी सेल कर्मी है. हमारा हक चाहिए. बोनस को लेकर हर बार कर्मियों को छला जाता है. इस बार कर्मी आंदाेलन के मूड में है. कर्मियों की मेहनत की बदौलत बीएसएल-सेल ने रिकाॅर्ड मुनाफा भी कमाया है. इसलिये बाेनस हर से बेहतर व सम्मानजनक मिलना हीं चाहिये. बीएसएल कर्मी इसे लेकर एकजुट हैं.

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