Bokaro News : बोकारो बंद रहा असरदार, किसी को नहीं मिली शहर में इंट्री, बीएसएल के खिलाफ दिखा आक्रोश

Bokaro News : उकरीद मोड़, गरगा पुल, तेलमच्चो समेत तमाम इंट्री प्वाइंट पर विस्थापितों ने की नाकेबंदी, किसी की नहीं सुनी गुजारिश, कहा : विस्थापित जाग गया है, अब प्रबंधन की नहीं सुनेंगे

By ANAND KUMAR UPADHYAY | April 5, 2025 12:30 AM

बोकारो, नियोजन की मांग पर को लेकर गुरुवार को आंदोलन कर विस्थापितों पर सीआइएसएफ की ओर से लाठी चार्ज के बाद एक विस्थापित युवा की मौत के बाद बोकारो में उथल-पुथल बढ़ गयी. शुक्रवार को विस्थापित संगठन समेत विभिन्न राजनीतिक दल की ओर से बोकारो बंद का व्यापक असर देखने को मिला. अहले सुबह से ही बंद समर्थक लाठी-डंडा के साथ सड़क पर उतर गये. बोकारो शहर के सभी इंट्री प्वाइंट को बंद समर्थकों ने बांस, पेड़ की टहनी व टायर में आग लगाकर सील कर दिया. दो व चार पहिया तो दूर की बात पैदल चलने वालों को भी गुजरने से रोका गया. बंद समर्थकों ने बंद को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ा. किसी प्रकार की गुजारिश पर ध्यान नहीं दिया गया. हालांकि, परीक्षा या मेडिकल कंडीशन को देखते हुए कई लोगों को राहत जरूर दी गयी.

वाहनों में तोड़फोड़, दुकानदारों व लोगों से मारपीट

सिटी सेंटर स्थित आस्था केयर के पास छठ व्रत का अर्घ्य देकर आ रहे लोगों को बंद समर्थकों ने निशाना बनाया. बांस से प्रहार कर एक आदमी को जख्मी कर दिया गया. वाहन में तोड़-फोड़ की गयी. सेक्टर 04 थाना के पास अहले सुबह इलेक्ट्रोस्टील के कर्मचारी बस में आग लगा दी गयी. दुंदीबाद, सेक्टर 12 में सुबह 09:20 बजे स्थानीय दुकानदार व बंद समर्थकों के बीच मारपीट व आगजनी की घटना हुई.

सीसी गेट के पास काटा गया बोकारो-तेनुघाट नहर

घटना के विरोध में बंद समर्थकों ने बालीडीह ओपी क्षेत्र के सीसी गेट के पास बोकारो-तेनुघाट नहर को काट दिया. विस्थापितों की माने तो बीएसएल के प्रोडक्शन को रोकने के लिए नहर काटा गया है. बंद समर्थकों ने उकरीद मोड़- सिवनडीह के पास बोकारो-रामगढ़ नेशनल हाइवे को जाम कर दिया. इस कारण एनएच पर वाहनों की लंबी कतार लग गयी. उकरीद मोड़, गरगा पूल, वैधमारा, तेलमच्चो समेत तमाम इंट्री प्वाइंट पर विस्थापित व बंद समर्थकों ने नाकाबंदी की.

नेतृत्व विहीन हो गया आंदोलन

विस्थापित युवक की मौत के बाद बोकारो बंद का आह्वान किया गया. बंद का समर्थन विभिन्न राजनीतिक दल समेत तमाम व्यवसायिक संगठनों ने किया. लेकिन, समय के साथ आंदोलन नेतृत्व विहीन होता दिखने लगा. एडीएम भवन के पास का नजारा कम से कम यही बता रहा था. कांग्रेस लीगल सेल व किसी मजदूर संगठन के महिला मोर्चा की अध्यक्ष का वाहन इस्पात भवन के पास बीते रात छूट गया था. जब, वे दोनों अपना वाहन लेने आयी, तो बंद समर्थकों ने उनका भी विरोध किया. दोनों महिलाओं ने बताया कि वे बीते रात चार बजे तक यहीं आंदोलन स्थल पर थी. फिर आंदोलन का समर्थन देने के लिए ही आयी हैं. लेकिन, इन दोनों की एक नहीं सुनी गयी. वहीं मौजूद एक पुराने विस्थापित नेता ने कहा कि आंदोलन नेतृत्व विहीन हो गया है अब. इनलोग जब अपने लोगों को नहीं पहचान रहे हैं, तो कोई क्या ही कर सकता है.

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