प्रतिदिन 50 गोल्डेन कार्ड बनाएं प्रज्ञा केंद्र

चास : आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डेन कार्ड बनाने के मामले में बोकारो अन्य जिलों से पीछे चल रहा है. इसको देखते हुए प्रज्ञा केंद्र संचालकों को प्रतिदिन 50 नि:शुल्क गोल्डेन कार्ड हर हाल में बनाना होगा. इसमें किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. यह कहना है उपविकास आयुक्त रवि रंजन मिश्रा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 13, 2019 8:38 AM

चास : आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डेन कार्ड बनाने के मामले में बोकारो अन्य जिलों से पीछे चल रहा है. इसको देखते हुए प्रज्ञा केंद्र संचालकों को प्रतिदिन 50 नि:शुल्क गोल्डेन कार्ड हर हाल में बनाना होगा. इसमें किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. यह कहना है उपविकास आयुक्त रवि रंजन मिश्रा का.

वह शनिवार को प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित प्रमुख सभागार में प्रज्ञा केंद्र संचालकों व जनवितरण प्रणाली के डीलर के साथ आयोजित बैठक में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि हर हाल में 31 अक्टूबर तक शत-प्रतिशत लाभुकों का गोल्डेन कार्ड बन जाना चाहिये.
इसके लिए प्रज्ञा केंद्र संचालकों को अपने क्षेत्र के जविप्र डीलरों से संपर्क कर लाभुक का गोल्डेन कार्ड बनाने का कार्य करेंगे. दोनों के तालमेल से ही लाभुकों का शत-प्रतिशत गोल्डेन कार्ड बन सकता है. श्री मिश्रा ने कहा कि बेहतर कार्य करने वाले प्रज्ञा केंद्र को प्रशस्ति प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया जायेगा. प्रत्येक दिन का रिपोर्ट व्हाट्सअप ग्रुप में सभी केंद्र संचालकों को डालनी होगी.
केंद्र संचालकों को निर्देश दिया कि लाभुकों से गोल्डेन कार्ड बनाने के नाम पर किसी प्रकार की राशि वसूल नहीं करनी है. इसकी राशि स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी जायेगी. मौके पर चास बीडीओ संजय शांडिल्य, डिस्ट्रिक्ट मैनेजर पिंटू पांडेय, विनय कुमार सहित विभिन्न पंचायतों के प्रज्ञा केंद्र संचालक व जनवितरण प्रणाली के डीलर मौजूद थे.
समय पर कार्ड नहीं हुआ वितरण तो होगी एफआइआर
श्री मिश्रा ने कहा कि क्षेत्र में भ्रमण के दौरान शिकायत मिलती है कि अधिकांश प्रज्ञा केंद्र बंद रहता है. गोल्डेन कार्ड बनने के बाद भी समय पर वितरण नहीं किया जाता है. इस प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. अगर लाभुकों को समय पर गोल्डेन कार्ड नहीं मिला तो संबंधित प्रज्ञा केंद्र के संचालकों पर प्राथमिकी दर्ज की जायेगी.
उन्होंने कहा कि लाभुक प्रज्ञा केंद्र नहीं जायेंगे, बल्कि केंद्र के संचालक जनवितरण दुकानदार में जाकर लाल व पीला कार्ड वाले लाभुकों का गोल्डेन कार्ड के लिए पंजीयन करने का काम करेंगे. लाभुकों को सूचना जनवितरण दुकानदारों को देनी है, ताकि लोग समय पर पंजीयन करा सके.

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