चास : शौचालय निर्माण नहीं होने से आक्रोश, दुकानदारों ने की शौचालय बनवाने की मांग

चास : तेलीडीह रोड अब धीरे-धीरे बाजार का रूप ले रहा है. तेलीडीह रोडके करीब दो किमी क्षेत्र में सैकड़ों दुकानें संचालित हैं. लेकिन क्षेत्र में निगम की ओर से शौचालय का निर्माण नहीं कराया गया है. इस कारण दुकानदारों में निगम के प्रति आक्रोश हैं. दुकानदारों का कहना है कि तेलीडीह रोड बाजार पूरी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 29, 2019 6:27 AM

चास : तेलीडीह रोड अब धीरे-धीरे बाजार का रूप ले रहा है. तेलीडीह रोडके करीब दो किमी क्षेत्र में सैकड़ों दुकानें संचालित हैं. लेकिन क्षेत्र में निगम की ओर से शौचालय का निर्माण नहीं कराया गया है. इस कारण दुकानदारों में निगम के प्रति आक्रोश हैं. दुकानदारों का कहना है कि तेलीडीह रोड बाजार पूरी तरह से निगम के अधीन आता है. तेलीडीह मोड़ से बांधगोड़ा साइड के नेहाल चौक तक छोटी-बड़ी सैकड़ों दुकानें संचालित हैं.

जबकि सिर्फ तेलीडीह मोड़ पर एक मोबाइल टॉयलेट व यहां से कुछ दूरी पर ही एक सामुदायिक शौचालय है. जबकि तेलीडीह बस्ती मोड़, नवादा कॉलोनी मोड़, नेहाल चौक, कुशवाहा भवन मोड़ के पास भी शौचालय की जरूरत है. कहा कि निगम एक ओर दुकानदारों को ट्रेड लाइसेंस लेकर दुकान संचालित करने की बात करती है. जबकि निगम की ओर से पूरे तेलीडीह रोड के दुकानदारों के लिये शौचालय की भी व्यवस्था नहीं की गयी है. इससे दुकानदारों व ग्राहकों को परेशानी होती है.

खरीदारी के लिए तेलीडीह रोड के बाजार में सैकड़ाें लोग पहुंचते हैं : तेलीडीह रोड का बाजार एनएच-23 व बाइपास के बीचो-बीच पड़ता है. फोरलेन (एनएच-23) बनने के बाद तेलीडीह रोड के बाजार में सैकड़ों लोग प्रत्येक दिन खरीदारी करने पहुंचते हैं. यहां अगर सामान नहीं मिलता है, तब जाकर लोग चास मेनरोड बाजार की ओर रूख करते हैं.
दुकानदारों का कहना है कि तेलीडीह रोड निगम क्षेत्र में एक उभरता हुआ बाजार बन रहा है. इसको देखते हुये इस बाजार को बनाने के प्रति निगम के पास किसी तरह की योजना नहीं है. यहां के दुकानदारों व ग्राहकों की सुविधा के लिये कम से कम शौचालय की व्यवस्था की जानी चाहिये. निगम के अधिकारी, जनप्रतिनिधि इस मामले में स्वत: संज्ञान नहीं ले रहे हैं.
टैक्स देते हैं तो सुविधा भी मिलनी चाहिए
तेलीडीह रोड में भी निगम को शौचालय बनवाना चाहिये. क्योंकि यहां के दुकानदार व ग्राहकों को खुले में शौच जाना पड़ता है. या फिर दुकान बंद कर घर जाना पड़ता है.
बहादुर कुमार
तेलीडीह रोड के बाजार में भी निगम को ध्यान देना चाहिये. यहां पर दुकानों की संख्या भी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है. निगम अगर टैक्स लेगी तो उन्हें सुविधा भी देनी होगी.
देव कुमार ठाकुर
किसी भी बाजार में एक अदद शौचालय की जरूरत पड़ती ही है. लेकिन निगम का इस ओर ध्यान ही नहीं है. लोगों व दुकानदारों को सुविधा देने के प्रति निगम गंभीर नहीं है.
धनंजय कुमार
तेलीडीह रोड में दुकानों की संख्या बढ़ती जा रही है. लेकिन निगम क्षेत्र में होने का इसे कोई लाभ नहीं मिल रहा है. सड़कें, नाली तो बन रहीं है, लेकिन एक भी शौचालय नहीं है.
निर्मल कुमार

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