झारखंड: सरकार बुला सकती है शीतकालीन सत्र

रांची: सरकार विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुला सकती है. चुनाव से पूर्व विधानसभा सत्र बुलाने की तैयारी हो रही है. सरकार को केंद्र से पारित संविधान के 121 वें संशोधन विधेयक 2014 और राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग विधेयक पर झारखंड विधानसभा को भी विचार करना है. इस बाबत केंद्र सरकार का पत्र भी आया है. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 10, 2014 1:26 AM

रांची: सरकार विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुला सकती है. चुनाव से पूर्व विधानसभा सत्र बुलाने की तैयारी हो रही है. सरकार को केंद्र से पारित संविधान के 121 वें संशोधन विधेयक 2014 और राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग विधेयक पर झारखंड विधानसभा को भी विचार करना है.

इस बाबत केंद्र सरकार का पत्र भी आया है. लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय ने भी इन विधेयकों से संबंधित जानकारी और संसद की कार्यवाही के अध्ययन के लिए विधानसभा से टीम भेजने का आग्रह किया था. केंद्र के आग्रह के बाद झारखंड विधानसभा से अधिकारियों की टीम संसद गयी है.

गुरुवार को विधानसभा अधिकारियों की टीम ने राज्यसभा और लोकसभा के महासचिव के साथ बैठक भी की. राज्यसभा ने इसके लिए नोडल अधिकारी भी बनाये हैं. विधानसभा की टीम ने नोडल अधिकारी से विधेयक को पास कराने संबंधित जानकारी हासिल की.

दिल्ली से अधिकारियों के लौटने के बाद विधानसभा से केंद्रीय विधेयक से संबंधित रिपोर्ट स्पीकर को सौंपी जायेगी. स्पीकर सरकार से इन विधेयकों पर चर्चा के लिए सरकार से शीतकालीन सत्र बुलाने का आग्रह कर सकते हैं.

15 राज्यों से कराना है इसे पास
संविधान संशोधन विधेयक को देश के आधे से एक अधिक राज्य से पारित कराने की बाध्यता है. देश के 15 राज्य से इस विधेयक को पास होना है. इसके बाद विधेयक मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जायेगा. केंद्र सरकार यह प्रक्रिया जल्द पूरा करना चाहती है. केंद्र के आग्रह के बाद विधानसभा ने इस पर पहल की है. यह विधेयक अगर 15 राज्यों से पास हो गया, तो झारखंड में विशेष सत्र बुलाने की बाध्यता नहीं होगी. केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इसके लिए पत्र भी लिखा है.

अधिकारियों की टीम दिल्ली गयी है. पूरी जानकारी लेने के बाद ही इस पर पहल होगी. अधिकारियों से रिपोर्ट लेता हूं, उसके बाद ही कोई फैसला करूंगा.
शशांक शेखर भोक्ता, स्पीकर

लोकसभा और राज्यसभा के अधिकारियों से पूरी जानकारी लेनी थी. अधिकारियों की एक टीम को दिल्ली विधानसभा भी जाना था. केवल विधेयक की कॉपी लाने का मामला नहीं है. केंद्र सरकार ने राज्यों से विशेष सत्र बुलाने का आग्रह किया है. हमें दोनों सदन की पूरी प्रोसिडिंग और इससे संबंधित जानकारी हासिल करनी है. स्पीकर को पूरी रिपोर्ट सौंपी जायेगी.
सुशील कुमार सिंह, प्रभारी सचिव

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