हाई कोर्ट ने निजी स्कूलों को वेबसाइट पर बैलेंसशीट अपलोड करने के दिये आदेश, कहा- मुनाफाखोरी की नहीं दी जा सकती अनुमति

Punjab and Haryana High Court, Chandigarh, private schools : चंडीगढ़ : पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ में निजी स्कूलों को झटका देते हुए प्रशासन के आदेश पर मुहर लगा दी, जिसमें प्रशासन ने स्कूलों को अपने वेबसाइट पर बैलेंसशीट अपलोड करने के आदेश दिये थे. हाई कोर्ट ने कहा है कि संस्थानों को मुनाफाखोरी में लिप्त होने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 29, 2021 7:41 PM

चंडीगढ़ : पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ में निजी स्कूलों को झटका देते हुए प्रशासन के आदेश पर मुहर लगा दी, जिसमें प्रशासन ने स्कूलों को अपने वेबसाइट पर बैलेंसशीट अपलोड करने के आदेश दिये थे. हाई कोर्ट ने कहा है कि संस्थानों को मुनाफाखोरी में लिप्त होने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने गृह मंत्रालय की अप्रैल 2018 की अधिसूचना को बरकरार रखा, जिसमें कहा गया है कि चंडीगढ़ में निजी गैर सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों को अन्य सूचनाओं के साथ-साथ अपनी बैलेंसशीट यानी आय और व्यय खाते को प्रकाशित करने की जरूरत है.

जस्टिस जसवंत सिंह एवं जस्टिस संत प्रकाश की खंडपीठ ने कहा कि ”यदि निजी संस्थानों का वित्तीय विवरण संस्थानों की वेबसाइट पर अपलोड किया जाता है, तो यह पारदर्शिता बनाये रखने में सुनिश्चित करेगा. साथ ही यह भी सुनिश्चित हो सकेगा कि संस्थान मुनाफाखोरी और कैपिटेशन शुल्क नहीं ले रहा है.”

हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ के इंडिपेंडेंट स्कूल्स एसोसिएशन और कबीर एजुकेशन सोसाइटी के तर्कों को भी खारिज कर दिया. मालूम हो कि दोनों संस्थानों ने अलग-अलग रिट याचिकाओं के जरिये अधिसूचना को चुनौती दी थी. साथ ही कहा था कि वेबसाइट पर वित्तीय विवरण का खुलासा करना स्कूलों की निजता का अनुचित हमला होगा.

इस पर अदालत ने कहा कि निजता का अधिकार मुख्य रूप से व्यक्तियों के लिए है. हालांकि, निजता का अधिकार कृत्रिम संस्थाओं के लिए भी है, लेकिन शिक्षा का क्षेत्र धर्मार्थ व्यवसाय है. इसलिए वेबसाइट पर वित्तीय विवरण अपलोड करने का कोई कारण नहीं मिलता है कि इससे निजी शैक्षणिक संस्थानों की निजता के अधिकार का उल्लंघन होगा.

साथ ही हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को स्कूलों को बैलेंस सहित अपलोड करने के लिए कुछ समय देने का आदेश दिया. याचिका दाखिल करनेवाले संस्थाओं ने आशंका जतायी है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण स्कूल प्रशासन पहले ही आर्थिक नुकसान झेल रहे हैं, ऐसे में प्रशासन कार्रवाई कर सकता है.

मालूम हो कि केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ प्रशासन का बचाव करते हुए कहा था कि किसी भी एक्ट में संशोधन और बदलाव के साथ उसे लागू करने का केंद्र के पास अधिकार है. बताया जाता है कि साल 2018 में चंडीगढ़ प्रशासन के आदेश को चनौती नहीं दी. अब दो साल बाद स्कूल चुनौती दे रहे हैं. मालूम हो कि चंडीगढ़ के करीब तीन दर्जन से ज्यादा स्कूल अपनी बैलेंसशीट अपलोड कर चुके हैं.

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