विधानसभा चुनाव से पहले गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने रद्द की पार-तापी-नर्मदा नदी जोड़ो परियोजना

भाजपा की गुजरात इकाई के अध्यक्ष सीआर पाटील ने लगभग दो महीने पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात के बाद कहा था कि केंद्र द्वारा इस परियोजना को आगे नहीं बढ़ाया जायेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 21, 2022 8:26 PM

सूरत: गुजरात में इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शनिवार को पार-तापी-नर्मदा नदी जोड़ो परियोजना को रद्द करने की घोषणा की. विस्थापन की आशंका के चलते आदिवासी समुदाय के लोग इस परियोजना के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे.

सीआर पाटील ने कहा था- परियोजना को नहीं बढ़ायेंगे आगे

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की गुजरात इकाई के अध्यक्ष सीआर पाटील ने लगभग दो महीने पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात के बाद कहा था कि केंद्र द्वारा इस परियोजना को आगे नहीं बढ़ाया जायेगा.

बड़े पैमाने पर विस्थापन की थी आशंका

पाटील के आश्वासन दिये जाने के बाद भी आदिवासियों का विरोध-प्रदर्शन जारी रहा, क्योंकि उन्हें परियोजना के लागू होने का संदेह था. प्रदर्शनकारियों ने परियोजना से प्रभावित होने वाले जिलों से बड़े पैमाने पर विस्थापन की आशंका जतायी थी.

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राज्य सरकार ने नहीं दी है परियोजना को मंजूरी

मुख्यमंत्री पटेल ने संवाददाताओं से कहा, ‘इस परियोजना के लिए गुजरात सरकार द्वारा कोई मंजूरी नहीं दी गयी है. राज्य सरकार ने फैसला किया है कि इसे किसी भी परिस्थिति में आगे नहीं बढ़ाया जायेगा. हमारे आदिवासी भाई-बहनों की भावनाओं का सम्मान करते हुए परियोजना को रद्द करने का निर्णय लिया गया है.’

उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा घोषित किसी भी परियोजना को केवल राज्य सरकार की मंजूरी के बाद ही आगे बढ़ाया जा सकता है. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘इस परियोजना के लिए राज्य सरकार ने कोई मंजूरी नहीं दी है और राज्य सरकार ने किसी भी हालत में इसे आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है.’

आदिवासी समुदाय को गुमराह कर रहे कुछ लोग- मुख्यमंत्री पटेल

उन्होंने दावा किया कि कुछ लोगों द्वारा ‘गुमराह’ किये जाने के कारण आदिवासी समुदाय में इस परियोजना को लेकर गुस्सा है. पटेल ने कहा कि इस परियोजना की घोषणा आदिवासियों के हितों को ध्यान में रखते हुए की गयी थी, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार और राज्य सरकार आदिवासी समुदाय के लाभ के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू कर रही है. गौरतलब है कि गुजरात में इस साल दिसंबर में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं.

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