Delhi: ‘इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी’ से हारेगा प्रदूषण! दिल्ली बनेगा फ्यूचरिस्टिक शहर

प्रदूषण नियंत्रण के लिए दिल्ली सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित किए जाने का असर दिखने लगा है. अब तक 3000 से अधिक वाहन रजिस्टर्ड हो चुके हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 29, 2020 4:28 PM

नयी दिल्ली: प्रदूषण नियंत्रण के लिए दिल्ली सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित किए जाने का असर दिखने लगा है. अब तक 3000 से अधिक वाहन रजिस्टर्ड हो चुके हैं. सरकार की नई नीति के बाद सब्सिडी को भी और सुलभ बनाया गया ताकि नए वाहनों की खरीदारी करने वालों को समय पर वित्तीय लाभ मिल सके.

रोड टैक्स और रजिस्ट्रशन शुल्क में भी सरकार की ओर से राहत दी गई ताकि कम से कम खर्च में लोगों को बेहतर परिवहन साधन के इस्तेमाल का मौका मिल सके. ई वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की ओर से स्क्रैप इंसेटिव, नए चार्जिंग स्टेशन सहित इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अन्य बुनियादी सुविधाएं भी तैयार की जा रही हैं.

इलेक्ट्रिक वाहन के मामले में दिल्ली अव्वल

इस तरह से दिल्ली देश का पहला राज्य बन गया है जहाँ सरकार की इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति आने के बाद कुछ ही हफ़्तों में लोगों ने 3000 इलेक्ट्रिकल व्हीकल खरीदे. दिल्ली पहला राज्य होगा जहाँ इतनी तेजी से पेट्रोल और डीजल गाड़ियों की जगह अब इलेक्ट्रिक गाड़ियां ले रही है. इससे दिल्ली वालों और कंपनियों को हर तरह से फायदा हो रहा है.

इलेक्ट्रिक वाहन से हारेगा दिल्ली का प्रदूषण

अगर पर्यावरण की बात करें, तो दिल्ली में सरकार के प्रदूषण को हराने के प्रयासों को इससे बहुत मदद मिलेगी. दिल्ली की सड़कों पर डीजल -पेट्रोल की गाड़ियों की जगह इलेक्ट्रिक गाड़ियां आने से प्रदूषण काफी हद तक कम हो जाएगा. इससे दिल्ली देश का पहला राज्य होगा जहाँ सड़कों पर इतनी इलेक्ट्रिक गाड़ियां तो दौड़ेंगी ही, साथ ही प्रदूषण को खत्म करने के साथ-साथ दिल्ली एक फ्यूचरिस्टिक शहर बनता जाएगा.

इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी से मिलेगा फायदा

वहीं इस नीति से लोगों को होने वाले फायदों की बात करें तो लोगों को एक तरफ़ जहां इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने पर भारी सब्सिडी और विभिन्न टैक्सेज से छुटकारा मिल रहा है, वहीं रोजमर्रा के खर्चों में भी भारी कमी आएगी. एक इलेक्ट्रिक गाडी पेट्रोल-डीजल पर चलने वाली गाडी के मुकाबले 40 फीसदी कम खर्चे पर चलती है. इससे जनता की हर तरफ़ बचत हो रही है.

किन राज्यों में आई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी

कंपनियां भी नई टेक्नोलॉजी से बनने वाली इन गाड़ियों का जब बड़े स्तर पर उत्पादन करेंगी तो उनका भी फायदा ही होगा. जहाँ देश के दुसरे राज्य जैसे – कर्नाटक और महाराष्ट्र की इलेक्ट्रिक व्हीकल नीतियां बस सरकारी कागजों की शोभा बढ़ा रही है और जनता को किसी तरह का लाभ नहीं पंहुचा रही है, दिल्ली सरकार की इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी दिल्ली को कल का फ्यूचरिस्टिक शहर बना रही है.

Posted By- Suraj Thakur

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