पंजाब कांग्रेस में घमसान : तीन सदस्यीय कमेटी से मिले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, कहा…

Punjab Congress, Capt Amarinder Singh, Punjab Assembly elections : नयी दिल्ली : पंजाब कांग्रेस में मचे घमसान को खत्म करने के लिए हाईकमान की ओर से गठित तीन सदस्यीय कमेटी के सामने शुक्रवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह गुरुद्वारा रकाबगंज पहुंचे. बैठक के बाद उन्होंने कहा कि छह माह में चुनाव होने हैं. ये पार्टी में आत्मनिरीक्षण है, जो हमने किया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 4, 2021 3:53 PM

नयी दिल्ली : पंजाब कांग्रेस में मचे घमसान को खत्म करने के लिए हाईकमान की ओर से गठित तीन सदस्यीय कमेटी के सामने शुक्रवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह गुरुद्वारा रकाबगंज पहुंचे. बैठक के बाद उन्होंने कहा कि छह माह में चुनाव होने हैं. ये पार्टी में आत्मनिरीक्षण है, जो हमने किया है.

जानकारी के मुताबिक, पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है. यहां के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और नवजोत सिंह सिद्धू समेत कई कांग्रेसी नेताओं ने मोर्चा खोल रखा है. मामले को निबटाने के लिए हाईकमान ने तीन सदस्यीय कमेटी बनायी है.

हाईकमान की ओर से गठित तीन सदस्यीय कमेटी के समक्ष बागी नेता पेश हो चुके हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. साथ ही मुख्यमंत्री के कार्यकाल के कामकाज का ब्योरा भी कमेटी के समक्ष रखा.

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी राज्य में अपनी ताकत का दिखाते हुए आम आदमी पार्टी (आप) के तीन विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया. इन तीनों में नेता प्रतिपक्ष भी शामिल हैं. कैप्टन अमरिंदर सिंह भी शुक्रवार को कमेटी के समक्ष पेश हुए. मालूम हो कि उन्हें बुधवार को ही दिल्ली जाना था, लेकिन पंजाब कैबिनेट की बैठक के कारण वह नहीं जा सके थे.

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब कांग्रेस में गुटबाजी को हल करने के लिए गठित तीन सदस्यीय कमेटी के समक्ष शुक्रवार को उपस्थित हुए. बैठक करीब तीन घंटों तक चली. बैठक के बाद उन्होंने कहा कि ”छह माह में चुनाव होने हैं. ये पार्टी में आत्मनिरीक्षण है, जो हमने किया है.”

कैप्टन अमरिंदर सिंह दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात करेंगे. पंजाब की मौजूदा स्थिति से अवगत कराने के साथ चुनाव की तैयारियों पर चर्चा करेंगे. बताया जा रहा है कि कोटकपूरा फायरिंग मामले में बादल परिवार के खिलाफ कार्रवाई नहीं किये जाने के कारण ही पंजाब कांग्रेस में विवाद की स्थिति बनी है.

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