जातीय जनगणना बिहार: सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार, जानिए अब आगे के लिए क्या मिला निर्देश…

बिहार में जातीय जनगणना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज शुक्रवार को अहम सुनवाई होनी थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार कर दिया. वहीं याचिकाकर्ताओं को निर्देश भी दिये हैं. उनके लिए अभी रास्ते बंद नहीं हुए हैं. पर राज्य सरकार को फिलहाल राहत दी गयी है.

By Prabhat Khabar Print Desk | January 20, 2023 1:11 PM

Supreme Court News: बिहार में जातीय जनगणना (Jati Janganana Bihar 2023) पर सुप्रीम कोर्ट से बड़ा फैसला आया है. सुप्रीम कोर्ट में जाति आधारित जनगणना के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई शुक्रवार को तय थी. अदालत ने साफ शब्दों में ये कहा कि इसपर कोई भी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में नहीं होगी. जिसके बाद अब जातीय जनगणना करा रही बिहार की महागठबंधन सरकार को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से फिलहाल राहत मिली है.

सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया..

जातीय जनगणना के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि इस मामले की सुनवाई यहां नहीं होगी. वहीं याचिकाकर्ता को कहा गया कि इस पटना हाईकोर्ट की शरण में वो जाएं. जिसके बाद अब बिहार सरकार को फिलहाल राहत मिली है. बता दें कि तीन अलग-अलग याचिकाएं दायर की गयी थी. अदालत ने सभी याचिकाकर्ताओं को पटना हाईकोर्ट इस मामले को लेकर जाने का निर्देश दिया है.

बिहार में जातिगत जनगणना का काम शुरू

बता दें कि बिहार में जातिगत जनगणना का काम शुरू हो गया है. पहले चरण में मकानों का सर्वे हो रहा है. मकानों पर नंबर अंकित किये जा रहे हैं और परिवारों का ब्यौरा जुटाया जा रहा है. इस बीच सबकी नजरें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर थी. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में कुल तीन याचिकाएं दायर कर दी गयी थी जो जातिगत जनगणना के खिलाफ दायर हुई थी.

Also Read: बिहार में बेटियों के साथ बर्बरता: दबंगों ने कहीं पीट-पीटकर मार डाला, तो कहीं पेट्रोल डालकर जिंदा जलाया
याचिका में क्या कहा गया था?

जिन याचिकाओं को दायर किया गया था उनमें बिहार सरकार के द्वारा कराए जा रहे जातिगत जनगणना को असंवैधानिक बताया गया था. अपने दावे में याचिकाकर्ताओं ने जिक्र किया था कि ये जनगणना संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है. वहीं अनुरोध किया गया था कि जनगणना कार्य पर तत्काल रोक लगा दी जाए.

क्या मिला निर्देश..

लेकिन शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार करते हुए इन्हें खारिज कर दिया. अब इस मामले को लेकर याचिकाकर्ता पटना हाई कोर्ट जा सकते हैं. उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि अगर वो चाहें तो पटना हाइकोर्ट की शरण में जा सकते हैं.

Next Article

Exit mobile version