न्यूनतम तापमान में होगी गिरावट, अत्यधिक ठंड से बचाव ही उपाय
तापमान में लगातार गिरावट और शीतलहर जैसे हालात से आम जनजीवन ठिठुर गया है
जदिया. पिछले कई दिनों से जारी ठंड से लोगों को राहत नहीं मिल रही है. पछुआ हवा ने कनकनी और बढ़ा दी है. सुबह-शाम ठंड का प्रकोप ज्यादा रहने के कारण लोग घरों में दुबकने को मजबूर हैं. तापमान में लगातार गिरावट और शीतलहर जैसे हालात से आम जनजीवन ठिठुर गया है. सुबह के समय घना कोहरा और ठंडी हवा के कारण सड़कों पर आवाजाही कम देखी जा रही है. जरूरी काम से निकलने वाले लोग गर्म कपड़ों, मफलर और टोपी में पूरी तरह लिपटे नजर आ रहे हैं. ठंड का असर खासकर बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों पर अधिक पड़ रहा है. ग्रामीण इलाकों में लोग अलाव का सहारा लेते दिख रहे हैं. वहीं शहर में भी चौक-चौराहों पर ठंड से बचाव के लिए लोग आग तापते नजर आए. ठंड बढ़ने से दैनिक मजदूरों और छोटे दुकानदारों की परेशानी भी बढ़ गई है. सुबह के समय कामकाज शुरू होने में देरी हो रही है. जिससे उनकी आमदनी प्रभावित हो रही है. खेतों में काम करने वाले किसान भी ठंड और पछुआ हवा के कारण सीमित समय के लिए ही काम कर पा रहे हैं. चिकित्सकों के अनुसार इस मौसम में सर्दी-खांसी, बुखार और सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है. डॉक्टरों ने गर्म कपड़े पहनने, ठंडी हवा से बचने, गर्म पेय पदार्थों का सेवन करने और बच्चों व बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी है. मौसम जानकारों का कहना है कि पछुआ हवा के चलते अगले कुछ दिनों तक ठंड से राहत मिलने की संभावना कम है. न्यूनतम तापमान में और गिरावट आ सकती है, जिससे कनकनी और बढ़ेगी. ऐसे में प्रशासन से भी सार्वजनिक स्थानों पर अलाव और ठंड से बचाव की व्यवस्था करने की मांग उठने लगी है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
