सुपौल में जीएसटी रिफंड घोटाले में बड़ा खुलासा! नेपाल कनेक्शन भी उजागर
GST Refund Scam: फर्जी निर्यात (Fake Export) और जीएसटी रिफंड घोटाले की जांच में सीबीआई की टीम दूसरे दिन भी लगी रही. भीमनगर कस्टम दफ्तर और जयनगर में डाक्यूमेंट्स देखे गए. जांच में नेपाल से कनेक्शन, जी कार्ड होल्डर गंगा सिंह और ऑपरेटर विकास की भूमिका पर शक के सबूत मिले हैं.
GST Refund Scam: सुपौल में फर्जी निर्यात और जीएसटी रिफंड घोटाले की जांच में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की टीम दूसरे दिन भी जुटी रही. भीमनगर कस्टम कार्यालय में कागजातों को खंगाला. जांच के दौरान सीबीआई को कई अहम सुराग मिले हैं. कुछ नये अधिकारियों के भी जांच के दायरे में आने की चर्चा है.
सतर्कता विभाग भी कर रही जांच
सूत्रों की मानें तो भीमनगर कार्यालय में कार्यरत एक ऑपरेटर की भूमिका भी संदिग्ध है. दर्ज एफआईआर में एक जी कार्ड होल्डर का यह ऑपरेटर रिश्ते में भाई लगता है. मंगलवार को टीम ने कस्टम विभाग की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) की बारीकी से समीक्षा की और मामले से जुड़े कुछ व्यक्तियों से पूछताछ की.
सीबीआई के कुछ अधिकारी जांच के क्रम में जयनगर भी पहुंचे. इस दौरान अधिकारियों ने घोटाले में इस्तेमाल किये गये निर्यात दस्तावेज, रिफंड प्रक्रिया और संबंधित रिकॉर्ड की गहन पड़ताल की. कस्टम का सतर्कता विभाग भी इस मामले की समानांतर जांच कर रहा है. माना जा रहा है कि जांच पूरी होने के बाद कई बड़े खुलासे संभव हैं, जिससे इस अवैध जाल में शामिल लोगों की पहचान हो सकेगी.
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नेपाल से भी जुड़े तार
फर्जी निर्यात व जीएसटी रिफंड घोटाले में जी कार्ड होल्डर मोतिहारी निवासी गंगा सिंह का भी नाम है. एफआईआर के पूर्व विभाग ने गंगा सिंह का कार्ड रद्द कर दिया था. गंगा सिंह की शादी नेपाल में हुई है. ऐसे में नेपाल से भी तार जुड़ने की संभावना जतायी जा रही है.
भीमनगर कार्यालय में पूर्व में कार्यरत ऑपरेटर विकास से गंगा सिंह के सांठगांठ के सबूत मिले हैं. बताया जाता है कि तत्कालीन सुपरिटेंडेंट तरुण कुमार सिन्हा के कार्यालय में विकास को निजी तौर पर डाटा एंट्री ऑपरेटर के रूप में रखा गया था. हालांकि मामला दर्ज होने के बाद विकास फरार हो गया है.
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