सड़क सुरक्षा अभियान, सभी वाहनों पर रिफ्लेक्टिव टेप अनिवार्य
यह कार्यक्रम न सिर्फ फिटनेस और एकता का संदेश देगा, बल्कि सीमा क्षेत्र में आपसी सहयोग और सद्भाव को भी मजबूत बनाने में मदद करेगा
सुपौल. जिले में सर्दी और घने कोहरे का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं और जनहानि की घटनाओं में चिंताजनक वृद्धि देखी जा रही है. कम विजिबिलिटी, हैडलाइट की तेज चमक, भारी वाहनों का समय पर दिखाई न देना और तेज गति जैसी वजहों से खासकर रात व सुबह के समय हादसे बढ़ रहे हैं. इन गंभीर परिस्थितियों को देखते हुए जिला पदाधिकारी सावन कुमार के निर्देश पर जिला परिवहन कार्यालय ने जिलेभर में एक व्यापक सड़क सुरक्षा अभियान शुरू किया है. जिला परिवहन कार्यालय के अनुसार इस अभियान के तहत जिले के सभी प्रकार के वाहनों ट्रक, बस, ऑटो, ट्रैक्टर, निजी वाहन, सरकारी वाहन के पीछे रेट्रो रिफ्लेक्टिव, रेडियम टेप लगाना अनिवार्य किया गया है. इसके अलावा सभी वाहनों में प्राथमिक उपचार पेटी और अग्निशमन यंत्र रखना भी अनिवार्य है. जिला परिवहन पदाधिकारी संजीव कुमार सज्जन ने बताया कि यह कदम त्वरित, अत्यावश्यक और पूर्णतः जनहित में उठाया गया है. रिफ्लेक्टिव टेप लगने से वाहन कम विजिबिलिटी में भी दूर से दिखाई देते हैं, जिससे टक्कर की संभावना कई गुना कम हो जाती है. 06 दिसंबर 2025 से 05 जनवरी 2026 तक चलाया जायेगा अभियान यह अभियान मुख्य रूप से जन-जागरूकता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है. निजी एवं वाणिज्यिक वाहनों पर न्यूनतम शुल्क पर रिफ्लेक्टिव टेप लगवाया जा सकेगा. सरकारी वाहनों, एम्बुलेंस आदि पर यह सेवा पूरी तरह मुफ्त में उपलब्ध कराई जा रही है. साइकिल और मोटरसाइकिल पर भी मुफ्त में रिफ्लेक्टिव टेप लगाया जायेगा. जिले में घने कोहरे के कारण कई जगहों पर विजिबिलिटी शून्य के करीब पहुंच गई है. परिवहन विभाग की समीक्षा में पाया गया कि साइकिल और मोटरसाइकिल चालकों के दुर्घटना का मुख्य कारण इन वाहनों पर रिफ्लेक्टिव टेप का नहीं होना है. समाहरणालय परिसर से शुरू हुआ अभियान अभियान की शुरुआत समाहरणालय परिसर में स्थित सभी सरकारी वाहनों पर रिफ्लेक्टिव टेप लगाने के साथ की गई. इसका संदेश स्पष्ट था सड़क सुरक्षा छोटी पहल से भी सुनिश्चित होती है और कोहरे के बीच हादसों को रोका जा सकता है. इसके बाद विभिन्न थाना क्षेत्रों के पुलिस वाहन, राष्ट्रीय और राज्य उच्च पथों पर चलने वाले मालवाहक वाहनों में भी रिफ्लेक्टिव टेप लगाया गया. कई वाहन मालिकों ने प्रशासन की इस पहल की प्रशंसा की और इसे जीवन रक्षक कदम बताया. जिला परिवहन पदाधिकारी ने बताया कि रिफ्लेक्टिव टेप लगने के बाद वाहन लगभग 100-150 मीटर की दूरी से दिखाई देते हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना में भारी कमी आती है. सभी थानाध्यक्षों और यातायात पुलिस पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि सतत चेकिंग अभियान चलाएं, व्यापक प्रचार-प्रसार करें, सड़क सुरक्षा नियमों का अनुपालन सुनिश्चित कराएं, वाहन चालकों और मालिकों को जागरूक करें.
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