लोक सुनवाई में रैयतों ने सुनाई अपनी व्यथा, जमीन अधिग्रहण किया विरोध
लोक सुनवाई में बिशनपुर मौजा के किसान रैयतों ने अधिग्रहण का पुरजोर विरोध किया
पिपरा. अंचल के बिशनपुर मौजा की औद्योगिक क्षेत्र विकास के लिए सरकार द्वारा अधिकृत किए जाने वाली जमीन को लेकर शुक्रवार को लोक सुनवाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया. प्रखंड कार्यालय स्थित टीसीपी भवन में आयोजित इस लोक सुनवाई में बिशनपुर मौजा के सैकड़ों किसान रैयतों से अवर जिला भू अर्जन पदाधिकारी निशांत कुमार, अंचलाधिकारी उमा कुमारी, थाना अध्यक्ष राजीव कुमार झा, राजस्व कर्मचारी चंद्रशेखर प्रसाद आदि ने विमर्श किया. वहीं उनकी समस्याओं को सुना व उनकी मांगों को जाना. लोक सुनवाई का मकसद पिपरा अंचल के बिशनपुर मौजा में बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण द्वारा उद्योग लगाने के लिए 248.2006 एकड़ जमीन के अधिकरण से परिवारों को होने वाले सामाजिक और आर्थिक प्रभाव का आकलन करना था. लोक सुनवाई में बिशनपुर मौजा के किसान रैयतों ने अधिग्रहण का पुरजोर विरोध किया. उनका कहना था कि उनके पुरखों की उपजाऊ जमीन यदि अधिग्रहित कर ली जाती है. उनके समक्ष कई प्रकार की परेशानी हो जायेगी. अधिकतर रैयत छोटे किसान हैं. जिनके परिवार को भरण पोषण का खेती ही एक सहारा है. औद्योगिक विकास के लिए जिले में बहुत सी बंजर जमीन पड़ी है. सरकार वहां औद्योगिक प्रक्षेत्र का निर्माण करें. यदि सरकार उनकी समस्याओं पर गौर नहीं करती है तो सिर्फ बिशनपुर मौजा ही नहीं बल्कि उसके सटे पिपरा मौजा और मोकरोय मौजा की जमीन भी अधिग्रहित की जाए. ताकि किसी एक मौजा के किसान भूमिहीन ना हो सके. सभी किसानों की थोड़ी-थोड़ी जमीन ही अधिगृहित होगी तो खेती लायक जमीन भी सभी किसानों के पास कुछ-कुछ बची रह जाएगी. अवर जिला भू अर्जन पदाधिकारी निशांत कुमार ने कहा कि किसानों की सभी बातों से अवगत होते हुए यह सामाजिक प्रभाव आकलन रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी. रिपोर्ट के आधार पर सरकार के निर्णय अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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