चैती दुर्गापूजा : मां के आठवें स्वरूप महागौरी की हुई पूजा अर्चना, खोइछा भरने के लिए मंदिर में अहले सुबह से महिलाओं की लगी रही भीड़

चैत्र नवरात्रि में पड़ने वाली नवमी तिथि भक्तों के बेहद लिए बेहद खास होती है

By RAJEEV KUMAR JHA | April 5, 2025 6:44 PM

– आस्था का केन्द्र बना चैती दुर्गा मंदिर सुपौल. चैती नवरात्र के आठवें दिन शनिवार को नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर 07 स्थित चकला निर्मली चैती दुर्गा मंदिर में महाअष्टमी की पूजा धूमधाम से की गयी. भगवती के आठवें स्वरूप माता महागौरी की विधि-विधान के साथ पूजा की गयी. बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन एवं पूजन किये. वहीं महाष्टमी के मौके पर बड़ी संख्या में पहुंची महिलाओं द्वारा माता के खोइछा भरने का रस्म अदा किया गया. जबकि संध्या काल में भव्य आरती का आयोजन हुआ. जिसमें माता की विशेष पूजा अर्चना की गई. शनिवार को दिन भर मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. जिला मुख्यालय में एक ही मंदिर में चैती दुर्गा पूजा के आयोजन को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. यह मंदिर लोगों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है. या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमो नम: जैसे मंत्रों व दुर्गा सप्तसती के पाठ से माहौल भक्तिमय बना हुआ है. मेले का भी किया गया है आयोजन चैती दुर्गा मंदिर के बाहरी परिसर में इस बार मेले का भी आयोजन किया गया है. जिसमें तरह-तरह की दुकानें सजी है. जहां महिला, पुरुष व बच्चे खरीददारी करते देखे गये. परिसर में फास्ट फूड के भी काउंटर लगाये गये हैं. जहां बच्चे फास्ट फूड का आनंद लेते देखे गये. मेला के दुकानदारों ने कहा कि सप्तमी पूजा से श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक रह रही है. जिस कारण व्यापार भी ठीक ठाक हो रहा है. बच्चों के मनोरंजन के झूला सहित अन्य मनोरंजन के सामान लगाये गये है. जहां बच्चे झूला झूलकर रोमांचित दिखे. देवी दुर्गा की उपासना से पूर्ण होती है मनोकामनाएं मौके पर मौजूद पंडित नूतन झा ने बताया कि शक्ति की अधिष्ठात्री देवी दुर्गा की उपासना से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. पूरे नौ दिनों तक मां के नौ स्वरूपों की पूजा आराधना करने का विधान है. नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी का पूजन किया गया. नवरात्रि में अष्टमी तिथि का बहुत महत्व होता है. यही वजह है कि दुर्गा अष्टमी को महाअष्टमी भी कहा जाता है. महानवमी व रामनवमी आज रविवार को नवमी तिथि पर माता सिद्धिदात्री की पूजा के बाद हवन का आयोजन किया जायेगा. जिसके बाद नवरात्रि का समापन होगा. इस दिन मां आदिशक्ति भवानी के नौवें स्वरूप माता सिद्धिदात्री का पूजन और कन्या पूजन करने के पश्चात नवरात्रि के नौ दिनों के व्रत का पारण भी किया जायेगा. चैत्र नवरात्रि में पड़ने वाली नवमी तिथि भक्तों के बेहद लिए बेहद खास होती है. इस दिन नवरात्रि समापन के साथ ही भगवान श्री राम का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है. इसलिए चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि को महानवमी और रामनवमी कहा जाता है.

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