चैती नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की हुई पूजा-अर्चना
जिला मुख्यालय स्थित नगर परिषद वार्ड नंबर 07 चैती दुर्गा मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी
सुपौल. चैती नवरात्र के तीसरे दिन श्रद्धालुओं ने मां भगवती के तृतीय स्वरूप मां चंद्रघंटा की भक्ति-भाव से पूजा-अर्चना की. जिला मुख्यालय स्थित नगर परिषद वार्ड नंबर 07 चैती दुर्गा मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. मां चंद्रघंटा को शांति, सौम्यता और साहस की देवी माना जाता है. भक्तों का मानना है कि उनकी उपासना से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होता है. इस अवसर पर मंदिरों को भव्य रूप से सजाया गया. श्रद्धालुओं ने मां चंद्रघंटा से परिवार की खुशहाली और देश में शांति-समृद्धि की कामना की. नवरात्रि को देखते हुए प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. मंदिर परिसरों में विशेष निगरानी रखी जा रही है, और दर्शन व्यवस्था को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए स्वयंसेवकों की तैनाती की गई है. पंडितों के अनुसार, मां चंद्रघंटा का यह रूप भक्तों को आध्यात्मिक और मानसिक शांति प्रदान करता है. यह दिन शक्ति उपासकों के लिए विशेष रूप से फलदायी माना जाता है. चैती नवरात्र के इस पावन अवसर पर पूरे क्षेत्र में भक्तिमय माहौल बना हुआ है और श्रद्धालु पूरे समर्पण भाव से देवी की उपासना कर रहे हैं. सप्तमी व अष्टमी को धूप खेला का आयोजन आयोजन समिति के सचिव सौरभ झा ने बताया कि मंदिर परिसर में प्रत्येक दिन संध्या 05 बजे से 07 बजे तक घनश्याम दरभंगिया द्वारा भजन एवं उसके बाद 07 बजे से माता की भव्य आरती आयोजित की जा रही है. जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु हिस्सा ले रहे हैं. मंदिर परिसर को पूजा को लेकर भव्य तरीके से सजाया गया है. मंदिर परिसर में आगामी सप्तमी और महा अष्टमी पूजा पर कोलकाता की टीम द्वारा माता की आरती एवं धूप खेला का आयोजन किया जाएगा.
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