सामाजिक समरसता, समानता व दिव्यांगजन सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है अंतरजातीय व दिव्यांगजन विवाह प्रोत्साहन योजना : डीएम
राज्य सरकार की ये दोनों योजनाएं सामाजिक समरसता, समानता और दिव्यांगजन सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.
– अंतरजातीय व दिव्यांगजन विवाह प्रोत्साहन योजना के लाभुकों को डीएम ने सौंपा एक-एक लाख का सावधि जमा प्रमाणपत्र सुपौल जिला मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी सावन कुमार ने बुधवार को मुख्यमंत्री अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना और मुख्यमंत्री निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत कुल 03 विवाहित युगलों को एक-एक लाख रुपये का सावधि जमा (एफडी) योजना प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित एवं प्रोत्साहित किया. इसमें अंतरजातीय विवाह करने वाले 02 जोड़े तथा निःशक्तजन विवाह के तहत 01 जोड़े को लाभ दिया गया. इस मौके पर डीएम ने कहा कि अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य समाज में प्रचलित जाति प्रथा व दहेज प्रथा को हतोत्साहित करना है. अंतरजातीय विवाह करने वालों को आर्थिक प्रोत्साहन प्रदान करना है. डीएम ने कहा कि राज्य सरकार की ये दोनों योजनाएं सामाजिक समरसता, समानता और दिव्यांगजन सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. डीएम ने उपस्थित लोगों से अपील की कि पात्र दंपति इन योजनाओं के बारे में जागरूक हों और समाज में सकारात्मक संदेश फैलाएं. प्रमाणपत्र प्राप्त करने वाले सभी लाभुकों को बधाई देते हुए उनके सुखद, समृद्ध और अनुकरणीय दांपत्य जीवन कामना करते आशीर्वाद और सफल दांपत्य की शुभकामनाएं दी. लाभुकों के लिए शर्त दंपती में कम से कम एक बिहार का निवासी होना चाहिए, विवाह की तिथि से दो वर्ष के अंदर आवेदन करना आवश्यक है, स्वीकृति के बाद वधू के नाम पर 01 लाख रुपये सावधि जमा प्रमाणपत्र दिया जाता है, राशि को तीन वर्ष बाद ब्याज सहित वधू द्वारा निकाला जा सकता है, योजना का लाभ लेने हेतु विवाह निबंधन प्रमाणपत्र, जन्म तिथि प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र और आवासीय प्रमाणपत्र के साथ जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग में आवेदन देना होता है. दिव्यांगजन विवाह प्रोत्साहन योजना दिव्यांगजन के जीवन में आर्थिक सुरक्षा व सामाजिक सहयोग सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार मुख्यमंत्री निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना संचालित करती है. इसके तहत यदि दंपती में किसी एक व्यक्ति के दिव्यांग होने पर उन्हें एक लाख रुपये का सावधि जमा (एफडी) प्रमाणपत्र उपलब्ध कराया जाता है. इस योजना के लिए विवाह निबंधन पत्र, जन्मतिथि प्रमाणपत्र, दिव्यांगता प्रमाणपत्र और आवासीय प्रमाणपत्र के साथ आवेदन जमा किया जाता है. तीन वर्ष बाद वधू ब्याज सहित राशि निकाल सकती है.
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