पूर्व जन्मों की तपस्या के बाद मिलता है मानव जीवन : स्वामी व्यासानंद

सतसंग द्वारा संतों के शरण में आकर मनुष्य को ईश्वर तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त होता है

By RAJEEV KUMAR JHA | March 20, 2025 7:16 PM

जदिया. जदिया थाना क्षेत्र अंतर्गत बघेली पंचायत में आयोजित दो दिवसीय संतमत सतसंग समारोह का समापन गुरुवार को हो गया. समापन समारोह को संबोधित करते महर्षि मेंही ब्रह्म विद्यापीठ हरिद्वार से आये पूज्यपाद स्वामी व्यासानन्द जी महाराज ने कहा कि ईश्वर ने मानव शरीर दिया है. यह मानव शरीर पूर्व जन्मों के कठिन तपस्या से प्राप्त होता है. मानव को अपना जीवन व्यर्थ नही जाने देना चाहिए. अपने दैनिक कार्यों में लीन रहते हुए कुछ समय निकाल कर सत्यसंग, भजन में शामिल होना चाहिए ताकि मन को शांति व आत्मीय सुख की अनुभूति हो सके. कहा कि सतसंग द्वारा संतों के शरण में आकर मनुष्य को ईश्वर तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त होता है. इसलिए मनुष्य को सतसंग में शामिल होकर आध्यात्मिक लाभ उठाना चाहिए. उन्होंने कहा कि संतों के दिखाए मार्ग पर चलकर सदगुरुदेव की स्तुति करने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती है. उन्होंने कहा कि श्रीमद भगवत में भगवान श्रीकृष्ण की बाल्य काल में की गई लीलाओं से हमें कई सीख मिलती है. प्रभु द्वारा दिये गए संदेशों को अपने जीवन मे आत्मसात करना ही मनुष्य के जीवन का उद्देश्य है. उन्होंने कहा पैसे की शक्ति का अहंकार नहीं करना चाहिए. जब हमारे अंदर पैसे की शक्ति का अहंकार होने लगेगा तो हमारे अंदर असुरी प्रवृत्ति उत्पन्न हो जाएगी. वैसे मनुष्य अपने रिश्ते नाते को छोड़कर अहंकार के आवेश में दूसरों पर अत्याचार करने लगते है. वैसे मनुष्य का अंतिम समय बड़ा ही कष्ट दायक होता है. उन्होंने कहा कि सतसंग के माध्यम से मनुष्य अपने जीवन को संवार सकते है. इसके लिए उन्हें पंच पापों दूर रहना होगा. सत्यसंग, ध्यान और गुरु के प्रति समर्पण का भाव रखना होगा. उन्होंने मांस, मदिरा आदि गलत चीजों से दूर रहने की सलाह दी. इस मौके पर हजारों की संख्या में सतसंग प्रेमी मौजूद थे.

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