भवानीपुर निवासी चिकित्सक की सड़क हादसे में मौत, परिजनों में मचा कोहराम

प्रतापगंज : थाना क्षेत्र के भवानीपुर दक्षिण वार्ड नंबर 15 निवासी डॉक्टर सुखी राउत के इकलौते पुत्र डॉ शशि की सड़क हादसे में मौत हो गयी. घटना की सूचना मिलते ही खबर परिवार सहित सगे-संबंधियों में कोहराम मच गया. सब एक-दूसरे से पूछ रहे हैं कि कैसे दुर्घटना हुई. लेकिन सब सुनी-सुनाई बात कर रहे […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 24, 2019 7:15 AM

प्रतापगंज : थाना क्षेत्र के भवानीपुर दक्षिण वार्ड नंबर 15 निवासी डॉक्टर सुखी राउत के इकलौते पुत्र डॉ शशि की सड़क हादसे में मौत हो गयी. घटना की सूचना मिलते ही खबर परिवार सहित सगे-संबंधियों में कोहराम मच गया. सब एक-दूसरे से पूछ रहे हैं कि कैसे दुर्घटना हुई. लेकिन सब सुनी-सुनाई बात कर रहे हैं. जानकारी अनुसार डॉ सुखी राउत भरगामा प्रखंड पीएचसी में चिकित्सा पदाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं.

जानकारी अनुसार डॉ शशि गुरुवार की रात करीब 01 बजे अपने ऑल्टो कार से पिता के निजी कंपाउंडर भवानीपुर दक्षिण वार्ड नंबर 08 निवासी कुंदर कुमार दास के साथ एक इंटरव्यू में भाग लेने के लिए पटना जा रहे थे. कार डॉ शशि स्वयं चला रहे थे. उसी क्रम में अचानक मुजफ्फरपुर गाय घाट थाना के समीप कार पलट गयी और कार में आग लग गयी. स्थानीय लोगों ने घटना की जानकारी गाय घाट पुलिस को दी. कार को धू-धू कर जलते देख लोगों ने नजदीक पहुंच कर देखा तो पता चला कि ड्राइविंग सीट पर बैठा एक व्यक्ति पूरा जल गया है.
दूसरा व्यक्ति कंपाउंडर कुंदन कुमार दास घायल अवस्था में गाड़ी के नीचे अचेत अवस्था में पड़ा था. पुलिस घायल व्यक्ति को अपनी गाड़ी से एसकेएमसीएच में भर्ती कराया. जहां उसका इलाज किया जा रहा था. लेकिन समाचार प्रेषण तक इलाजरत व्यक्ति होश में नहीं आया था. डॉ शशि का शव उसके निवास स्थान पहुंचा था.
परिवार सूत्रों से पता चला कि डॉ सुखी राउत को घटना की जानकारी मिलने के बाद मुजफ्फरपुर अस्पताल मिलने पहुंचे. हालांकि मृतक की मां सुमित्रा देवी को घटना की जानकारी नहीं दी गयी है. फिर भी वे बदहवाश हैं. घर के अंदर और बाहर मिलने वालों का आना-जाना सबेरे से ही लगा हुआ है. मालूम हो कि डॉक्टर शशि की शादी एक साल पहले ही किरण कुमारी के साथ हुई थी.
शव के पहुंचते ही उमड़ी लोगों की भीड़
डॉ शशि का पार्थिव शरीर शुक्रवार की शाम उनके भवानीपुर स्थित पैतृक आवास पर पहुंचा. शव के पहुंचते ही जहां परिजनों की चीख और चीत्कार से सारा माहौल गमगीन हो उठा. वहीं आमलोगों की आंखें भी नम हो गयी. शव के अंतिम दर्शन हेतु लोगों की भीड़ जुट गयी. शव का अंतिम संस्कार संध्या काल में किया गया. जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए.

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