बिहार : कम उम्र में शादी से इन्कार करनेवाली छात्रा को किया सम्मानित

नाबालिग ज्योति की 11 फरवरी को होनी थी शादी, हिम्मत करने पर प्रशासन ने दिया था साथ छातापुर (सुपौल) : ‘मैट्रिक की छात्रा ने रुकवायी अपनी शादी’ शीर्षक से सोमवार को प्रभात खबर में छपी खबर के बाद जिला प्रशासन ने बहादुर बेटी ज्योति को सम्मानित किया है. त्रिवेणीगंज के एसडीएम विनय कुमार सिंह एवं […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 13, 2018 7:58 AM
नाबालिग ज्योति की 11 फरवरी को होनी थी शादी, हिम्मत करने पर प्रशासन ने दिया था साथ
छातापुर (सुपौल) : ‘मैट्रिक की छात्रा ने रुकवायी अपनी शादी’ शीर्षक से सोमवार को प्रभात खबर में छपी खबर के बाद जिला प्रशासन ने बहादुर बेटी ज्योति को सम्मानित किया है. त्रिवेणीगंज के एसडीएम विनय कुमार सिंह एवं डीसीएलआर गोपाल कुमार ने भीमपुर वार्ड 11 स्थित घर पहुंच कर जिला प्रशासन की तरफ से एजुकेशन गिफ्ट हैंपर ज्योति को देकर उसके हौसले को सम्मानित किया.
मौके पर अधिकारी द्वय ने छात्रा के आत्मविश्वास को बढ़ाते कहा कि आप जहां तक पढ़ाई करना चाहती हैं निश्चित रूप से करें. बिहार सरकार व जिला प्रशासन आपके साथ है. किसी भी प्रकार की बाधा आड़े नहीं आने दी जायेगी और पढ़ाई के लिए हर संभव सहयोग भी किया जायेगा. अधिकारी द्वय ने ज्योति को इस साहसिक निर्णय के लिए बधाई दी. कहा कि ज्योति वैसी नाबालिग लड़कियों के लिए प्रेरणादायक है जो 18 वर्ष से कम उम्र में ही ब्याह दी जाती है.
पुरुष प्रधान समाज में वैसी लड़कियां खासकर अपने अभिभावक के द्वारा थोपे गये निर्णय का विरोध नहीं कर पाती हैं. नतीजतन शारीरिक व मानसिक रूप से विकसित होने से पहले ही उसे संभावित जिम्मेदारियों के बोझ तले दबा दी जाती हैं. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के द्वारा बाल विवाह दहेज उन्मूलन को लेकर अभियान चलाया जा रहा है. ज्योति के साहसिक निर्णय से सरकार के इस अभियान को पंख लग गये हैं और बाल विवाह और दहेज के लेन-देन के विरुद्ध समाज में माहौल बन रहा है.
ज्योति ने की प्रभात खबर की प्रशंसा
जिला प्रशासन की ओर से सम्मान पाकर उत्साहित ज्योति ने इसके लिए जिला प्रशासन के साथ साथ प्रभात खबर की भी प्रशंसा की. उसने कहा कि पुरुष प्रधान समाज में वैसी नाबालिग लड़कियों के अरमान दफन हो जाते हैं जो समय रहते खुद से विरोध नहीं कर पाती.
जरूरी है कि हम अपने हक व अधिकार के लिए इस सामाजिक कुरीतियों का विरोध करें. ज्योति ने कहा कि बाल विवाह के विरोध के बाद अब उसके परिजनों की भी आंखें खुल गयी हैं.

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