गांव के मिडिल स्कूल से आईएएस अधिकारी तक का सफरनामा है पुस्तक ‘स्मृति हमारी’

महावीर वात्सल्य अस्पताल के अपर निदेशक और पूर्व आईएएस अधिकारी राम बहादुर प्रसाद यादव की आत्मकथा 'स्मृति हमारी' का लोकार्पण रविवार को हुआ. महावीर वात्सल्य अस्पताल सभागार में महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल और पूर्व आईएएस अधिकारी एसएन दूबे ने संयुक्त रूप से इस पुस्तक का लोकार्पण किया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 23, 2023 7:58 PM

पटना. महावीर वात्सल्य अस्पताल के अपर निदेशक और पूर्व आईएएस अधिकारी राम बहादुर प्रसाद यादव की आत्मकथा ‘स्मृति हमारी’ का लोकार्पण रविवार को हुआ. महावीर वात्सल्य अस्पताल सभागार में महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल, सेवानिवृत जस्टिस पीके सिन्हा और पूर्व आईएएस अधिकारी एसएन दूबे ने संयुक्त रूप से इस पुस्तक का लोकार्पण किया. अपनी किताब स्मृति हमारी में आरबीपी यादव ने मोतिहारी के निकट लक्ष्मीपुर गांव के मिडिल स्कूल से निकलकर बीआईटी मेसरा होते हुए जिलाधिकारी तक और उसके बाद के सफर को लिपिबद्ध किया है. तीन दशकों तक बिहार अभियांत्रिकी सेवा में योगदान देने के बाद आईएएस में चयनित हुए आरबीपी यादव पांच जिलों के डीएम और डीसी रहे.

बाहर से मृदुभाषी अंदर से स्टील फ्रेम की तरह दृढ़

इस अवसर पर उनके साथ काम कर चुके पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने कहा कि मृदुभाषी रामबहादुर यादव अंदर से स्टील फ्रेम की तरह दृढ़ हैं. किशनगंज में यादव के जिलाधिकारी रहते मिहिर सिंह अनुमंडल पदाधिकारी थे. अपने अनुभव साझा करते हुए अपर मुख्य सचिव ने कहा कि राम बहादुर यादव पूरी दृढ़ता, कमिटमेंट और जोश के साथ कार्रवाई करते थे. पूर्व आईएएस अधिकारी गोरेलाल यादव ने अपने संबोधन में कहा कि अपने ऊपर लिखना बहुत कठिन काम है. पूर्व वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एसएन दूबे ने कहा कि राम बहादुर यादव संबंधों को बनाकर रखते हैं. पुस्तक के संपादक और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सुमन कुमार ने बताया कि पुस्तक में सात पीढ़ियों की वंशावली दी गयी है. तीन वर्षों में यह पुस्तक तैयार हुई है.

चंद्रशेखर सिंह से मिले प्रशंसा पत्र को बताया यादगार

पुस्तक के लेखक राम बहादुर यादव ने बताया कि अनुशासित जीवन और ईमानदारी उनके जीवन का मूल मंत्र है. तत्कालीन मुख्यमंत्री चन्द्रशेखर सिंह का हस्तलिखित प्रशंसा पत्र उनके जीवन की सबसे उल्लेखनीय उपलब्धियों में एक है. जस्टिस पीके सिन्हा ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में लेखक को अपनी शुभकामनाएं दीं. मुख्य अतिथि आचार्य किशोर कुणाल ने अपने संक्षिप्त संबोधन में राम बहादुर यादव के दीर्घायु जीवन की कामना करते हुए कहा कि पुस्तक लोगों के लिए प्रेरणा का काम करेगी. समारोह को पूर्व मंत्री उदित राय, आईपीएस अधिकारी वीणा कुमारी, रामाशंकर राय, पूर्व प्रशासनिक अधिकारी रघुनाथ प्रसाद आदि ने संबोधित किया. मंच संचालन प्रोफेसर सुमन कुमार और कृष्ण कुमार ने किया.

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