मानव जन्म का उद्देश्य है आत्मिक उन्नति : स्वामी धनंजयानंद
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के तत्वाधान में सीवान सदर प्रखंड के बिशुनपुर सरसर आश्रम परिसर में पांच दिवसीय श्री रामचरितमानस एवं गीता ज्ञान यज्ञ का भव्य शुभारंभ सोमवार को हुआ.
सीवान. दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के तत्वाधान में सीवान सदर प्रखंड के बिशुनपुर सरसर आश्रम परिसर में पांच दिवसीय श्री रामचरितमानस एवं गीता ज्ञान यज्ञ का भव्य शुभारंभ सोमवार को हुआ. यह आध्यात्मिक आयोजन 19 दिसंबर तक प्रतिदिन दोपहर दो बजे से संध्या पांच बजे तक चलेगा. कार्यक्रम के प्रथम दिन सर्वश्री आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी सुनीता भारती ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज का मानव भौतिकतावादी युग में विज्ञान और तकनीक में तो तेजी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन आंतरिक शांति और संतोष से दूर होता जा रहा है. जीवन का वास्तविक उद्देश्य केवल भौतिक उपलब्धियां नहीं, बल्कि आत्मिक उन्नति है.स्वामी श्री धनंजयानंद जी ने कहा कि मानव तन अत्यंत दुर्लभ होने के साथ-साथ क्षणभंगुर भी है. यह कभी भी नष्ट हो सकता है, इसलिए इस जीवन में ही परम सत्य ईश्वर की प्राप्ति का प्रयास करना चाहिए, तभी मानव जन्म सार्थक होगा. उन्होंने कहा कि गुरु की कृपा से जीव आत्मा के भीतर विद्यमान परमात्मा का प्रत्यक्ष अनुभव करता है, जिससे जीवन में प्रेम, शांति और करुणा का संचार होता है. कार्यक्रम में मंच पर साध्वी सुनीता भारती के साथ गायिका ममता भारती, गायक पवन, तबला वादक पप्पू उपस्थित रहे। मंच संचालन स्वामी श्री धनंजयानंद जी द्वारा किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ ब्रह्मज्ञानी वेदपाठी द्वारा वेद मंत्रों की दिव्य ध्वनि के साथ हुआ. इसके पश्चात नवल किशोर सिंह, हरेंद्र मिश्रा, श्रीराम भगत, धर्मनाथ शर्मा एवं भगवान सिंह द्वारा दीप प्रज्वलन कर विधिवत उद्घाटन किया गया. इस अवसर पर पंडित संत जी, जयराम यादव, बिरबल जी, भरत जी सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे. कार्यक्रम का समापन पावन आरती के साथ हुआ.
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