भगवान भरोसे है रात में शहर की सुरक्षा व्यवस्था

हाल के वर्षों में जिले में बढ़ी आपराधिक घटनाओं ने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है. कुछ महीने में शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में कई हत्या, चोरी और लूट की घटना को अपराधियों ने अंजाम दिया है. कुछ मामलों में अपराधियों को पकड़ने में सफल हुई है, लेकिन हाल के दिनों में हुए […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 10, 2019 1:42 AM

हाल के वर्षों में जिले में बढ़ी आपराधिक घटनाओं ने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है. कुछ महीने में शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में कई हत्या, चोरी और लूट की घटना को अपराधियों ने अंजाम दिया है. कुछ मामलों में अपराधियों को पकड़ने में सफल हुई है, लेकिन हाल के दिनों में हुए कुछ घटनाओं ने सुरक्षा के सवाल पर सवालिया निशान लगाया है.

रविवार को सीवान जंक्शन के प्लेटफॉम एक पर अपराधी एक यात्री को गोली मारकर आराम से चलते बना, वह भी दिन में, वहां पर तैनात सुरक्षाकर्मी कुछ नहीं कर सकें. वहीं दूसरी घटना में 28 नवंबर को घटती है, जहां शहर के मखदुम सराय में दिनदहाड़े अपराधियों ने व्यवसायी बाबूजान को गोलियों से भून डाला. इस घटना को गवाह सीसीटीवी फुटेज भी है.

शहर पर बढ़ती आपराधिक घटनाओं के बीच रविवार की रात्रि साढ़े बारह बजे से लेकर एक बजे तक प्रभात खबर संवाददाता अभिषेक उपाध्याय, शशिकांत सुशांत व छायाकार अरविंद सिंह शहर के मुख्य चौराहों की पड़ताल की.

सीवान : आये दिन सरेआम हो रही हत्या और लूट की बढ़ती घटनाओं के बीच पुलिस चौकसी की पड़ताल के लिए प्रभात खबर ने रात के साढ़े बारह बजे से एक बजे रात तक शहर के चार व्यस्ततम चौराहों की पड़ताल की. इस दौरान प्रभात खबर को किसी भी चौराहे पर पुलिस दल या पुलिस की जीप नहीं दिखी.
पड़ताल किये गये चौराहे तरवारा मोड़, बबुनिया मोड़, सराय मोड़, चिकटोली मोड़, स्टेशन मोड़, रामराज्य मोड़ और डीएवी मोड़ शामिल हैं.
इन चौराहों पर रात में भी लोगों का आना जाना लगा रहता है. ये सभी चौराहे स्टेशन रोड और मुख्य पथ से जुड़े होने के कारण दोपहिया से लेकर पैदल यात्री तक रात भर किसी न किसी कारण आते-जाते मिल जायेंगे. लेकिन पुलिस नहीं दिखती. इस पड़ताल में शहर के चौराहों पर लोगों की सुरक्षा भगवान के भरोसे ही दिखी.
हां, शांति वट वृक्ष के समीप दो राइफलधारी सिपाही आग तापते हुए जरूर मिले. इसके अलावा कहीं भी कोई पुलिस मोबाइल जीप नजर नहीं आयी. जिसकी जिम्मेदारी है कि वह एक थाना क्षेत्र का चक्कर लगाती रहे. नगर थाना के गेट पर भी कोई पुलिसकर्मी नहीं दिखा.
शाम ढलते ही टूट जाते हैं दुकानों के शटर, नहीं होती है कार्रवाई
शहर की कानून व्यवस्था का आलम यह है कि कोई यात्री स्टेशन पर तो सुरक्षित है ही नहीं. स्टेशन से बाहर निकलने के बाद कब लूट का शिकार हो जायेगा इसकी कोई गारंटी नहीं है. प्रभात खबर की पड़ताल में जब रात में इक्का-दुक्का वाहन दिख रहे थे.
परंतु लाल कोठी की तरफ कुछ लोग घूमते देखे गये. हालांकि वे खुद अपने को सुरक्षित नहीं मान रहे थे. पिछले एक माह में रात आठ बजे ही मुख्य बाजार की कई मोबाइल दुकानों के शटर टूटे हैं. कई मोबाइल दुकानदार रास्ते में ही लूट लिए गये.
पुलिसिंग का इकबाल कहीं भी नजर नहीं आ रहा है. सबसे ज्यादा चोरी की घटनाएं स्टेशन से रामराज्य मोड़ और जेपी चौक से मालवीय चौक तक की सड़कों पर होती है. इसके बाद गांधी मैदान से हॉस्पीटल रोड में भी छीनैती की घटनाएं अक्सर होती हैं. फिर भी पुलिस की गाड़ी इन क्षेत्रों में चक्कर लगाती नहीं दिखती.
पुलिस, शहर की सुरक्षा को लेकर तत्पर है. रात्रि में संबंधित थाने को गश्ती का निर्देश प्राप्त है. बावजूद इसके शहर में रात्रि में पुलिसिया गश्त नहीं पाई जाती है, तो संबंधित थाने से पूछताछ कर कार्रवाई की जायेगी.
नवीन चंद्र झा, एसपी, सीवान

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