प्यार पर भारी मोबाइल : भरी पंचायत में बोली पत्नी, स्मार्टफोन नहीं तो पति को छोड़ दूंगी और चली गयी मायके

नौ माह पहले किया था प्रेम विवाह मैरवा : मैं स्मार्टफोन बिना नहीं रहूंगी, भले ही पति को क्यों न छोड़ना पड़े. नवविवाहिता की यह बात सुन भरी पंचायत में बैठे दर्जनों लोग एकदम सन्न रह गये. शनिवार को मैरवा प्रखंड के इंग्लिश पंचायत क्षेत्र के छोटूराम के टोले की एक नवविवाहिता ने पंचायत में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 20, 2019 7:56 AM

नौ माह पहले किया था प्रेम विवाह

मैरवा : मैं स्मार्टफोन बिना नहीं रहूंगी, भले ही पति को क्यों न छोड़ना पड़े. नवविवाहिता की यह बात सुन भरी पंचायत में बैठे दर्जनों लोग एकदम सन्न रह गये.

शनिवार को मैरवा प्रखंड के इंग्लिश पंचायत क्षेत्र के छोटूराम के टोले की एक नवविवाहिता ने पंचायत में स्मार्टफोन के बिना ससुराल में नहीं रहने की बात कही. पंचाें ने उसे लाख मनाने का प्रयास किया, लेकिन विवाहिता अपनी जिद पर अड़ी रही. उसने कहा कि पति को छोड़ दूंगी, लेकिन फोन चलाना नहीं छोड़ूंगी. इसके बाद वह अपनी मां के साथ अपने मायके चली गयी. प्रखंड के इंग्लिश पंचायत क्षेत्र के छोटूराम के टोला निवासी लालू राम ने नौ माह पहले कुतुब छपरा सीवान की रहने वाली आरती देवी से प्रेम विवाह किया था.

उनकी शादी को दोनों परिवारों ने राय मशविरा कर सामाजिक मान्यता भी दी थी. शादी के कुछ दिन तो ठीक चला, लेकिन आरती अक्सर स्मार्टफोन पर ही व्यस्त रहने लगी, जिसका उसके पति और परिजनों ने विरोध किया और फोन कम चलाने की बात भी की. फोन को लेकर परिवार में विवाद होने लगा. मामला इतना बिगड़ा कि इसके लिए पंचायत बुलानी पड़ी.

दोनों पक्षों के लोगों के साथ इंग्लिश पंचायत के सरपंच संदीप कानू, न्याय मित्र तथा पंच के रूप में बुलाये गये दर्जनों लोग शनिवार को पंचायत भवन में उपस्थित हुए. लड़के पक्ष का कहना था कि लड़की हमेशा फोन पर बातें करती रहती है. वहीं विवाहिता का कहना था कि काम के निबटारे के बाद घर में फोन ही एकमात्र मनोरंजन का साधन है. वह बिना फोन के नहीं रह सकती है. पंचों ने ज्यादा जोर दिया तो उसने कहा कि मैं पति को छोड़ सकती हूं, लेकिन फोन चलाना नहीं छोड़ूंगी. पंचों की बात मानने की बजाय आरती अपनी मां के साथ मायके चली गयी.

क्या कहते है सरपंच

सरपंच संदीप कानू ने बताया कि दोनों पक्षों का एक-दूसरे पर विश्वास की कमी होने के कारण मामले का निष्पादन नहीं हो सका. दोनों परिवारों के बीच मोबाइल ने दूरी बढ़ा दी है. लड़के पक्ष की माने तो लड़का विदेश में रहता था. उसने अपनी पसंद की लड़की से शादी की थी. कुछ दिनों तो सब कुछ ठीक-ठाक रहा परंतु धीरे-धीरे बात बिगड़ गयी.

परिवार में अनुकूल माहौल नहीं मिलने पर लड़कियां लेती हैं ऐसा फैसला

शादी के तुरंत बाद ससुराल छोड़ने का निर्णय लेना बहुत ही कठिन है. प्रेम विवाह के मामले में माहौल अनुकूल नहीं मिलने पर भी लड़कियां ऐसा व्यवहार करती हैं. नये परिवार में उम्मीद से अलग माहौल मिलने से फर्स्टेशन डेवलप होता है, जिसके बाद कोई बहाना ढूंढ़ कर लड़की अलग होने का प्रयास करती है. सिर्फ स्मार्टफोन के प्रयोग की अनुमति नहीं मिलना इसकी वजह नहीं हो सकती.

-प्रो रणधीर कुमार सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर, समाजशास्त्र विभाग, पटना विवि.

Next Article

Exit mobile version