विवाह पंचमी : आज पूजा मटकोर, कल राम जानकी का विवाह उत्सव

कल विवाह पंचमी है. विवाह पंचमी की पहचान सनातन धर्मावलंबियों के आराध्य भगवान श्रीराम व उनकी अर्धांगिनी शक्ति मां सीता यानी जगज्जननी जानकी के विवाह उत्सव से है.

By RANJEET THAKUR | November 23, 2025 9:52 PM

सीतामढ़ी. कल विवाह पंचमी है. विवाह पंचमी की पहचान सनातन धर्मावलंबियों के आराध्य भगवान श्रीराम व उनकी अर्धांगिनी शक्ति मां सीता यानी जगज्जननी जानकी के विवाह उत्सव से है. इसी पावन तिथि को श्री राम और श्री जानकी का विवाह संपन्न हुआ था. यह दिन नेपाल के जनकपुर के साथ-साथ मां सीता की जन्मभूमि होने के नाते सीतामढ़ी समेत संपूर्ण मिथिला के लिए विशेष होता है. हालांकि, आचार्य मुकेश कुमार मिश्र समेत अन्य पंडितों एवं जानकारों के अनुसार, इस तिथि को मिथिला क्षेत्र में विवाह नहीं किया जाता है. सदियों से लोगों में धारणा है कि इस तिथि को मां जानकी का विवाह स्वयं विष्णु के अवतार श्रीराम के साथ हुआ और मां सीता को जीवन भर दुःख ही दुःख भोगना पड़ा, इसलिए मिथिला के लोग इस तिथि को विवाह की दृष्टि से अपशगुन मानते हैं. लेकिन, इस पावन तिथि पर महिलाएं विवाह पंचमी का व्रत-उपवास रखकर पूजा-अर्चना करतीं हैं. मान्यता है कि इस दिन जो भी अविवाहित युवती उपवास व्रत रखकर श्री राम-जानकी की भाव पूर्वक पूजा-आराधना करतीं हैं, उन्हें मन योग्य पति की प्राप्ति होती है. वहीं, सुहागन स्त्रियों के दांपत्य जीवन में हरियाली और खुशियाली आती है.

7.30 बजे पूजा-मटकोर, 8.30 बजे हल्दी

फिलहाल मां जानकी की जन्मभूमि, पुनौरा व शहर स्थित रजत द्वार जानकी मंदिर में धूमधाम से विवाह पंचमी मनाने की तैयारी पूरी कर ली गयी है. पुनौरा धाम के मुख्य महंत कौशल किशोर दास जी के मुख्य शिष्य राम कुमार दास जी से मिली जानकारी के अनुसार, आज सोमवार की संध्या करीब 7.30 बजे हर्षोल्लास के साथ पूजा-मटकोर का आयोजन होगा, जिसमें महिला मंडलियों द्वारा विधि-विधान से मिथिला परंपरा के अनुसार विधियों को पूरा किया जाएगा. वहीं, रात 8.30 बजे से हल्दी कार्यक्रम आयोजित है.

देश भर से आ रहे धार्मिक पर्यटक

राम कुमार दास जी ने बताया कि विवाह पंचमी के अवसर पर बड़ी संख्या में देश के अलग-अलग हिस्सों से धार्मिक पर्यटक आ रहे हैं. कई श्रद्धालु यहां दर्शन करने के बाद जनकपुर के लिए प्रस्थान कर रहे हैं, तो कई पर्यटक जनकपुर से दर्शन करने के बाद यहां आ रहे हैं. वहीं, आज और कल विवाह पंचमी के अवसर पर शहर व जिले के कोने-कोने से श्रद्धालु पुनौरा धाम व जानकी मंदिर विवाह उत्सव देखने आएंगे. बता दें कि पिछले कई दिनों से रेलवे स्टेशन, बस पड़ाव व शहर की सड़कों पर बड़ी संख्या में देश के अलग-अलग हिस्सों से आये धार्मिक पर्यटक देखे जा रहे हैं.

कल विवाह पंचमी पशु मेला का भी होगा शुभारंभ

बता दें कि विवाह पंचमी के अवसर पर शहर के गौशाला के समीप स्थित घोड़ा बाजार परिसर में सदियों से प्रसिद्ध विवाह पंचमी पशु मेला का शुभारंभ होता है. जिला प्रशासन की ओर से आवश्यक व्यवस्थाएं की जाती है. पूर्व में यह पशु मेला महीने भर से अधिक चलता था, पर मशीनरी युग आने के कारण पशु मेला अब औपचारिकता भर रह गया है. मेला क्षेत्र सिमटकर छोटा हो गया है. पशुओं की संख्या नगण्य हो गयी है.

मीना बाजार भी है फेमस

विवाह पंचमी के अवसर जानकी मंदिर से थोड़ी ही दूरी पर प्राचीन काल से मीना बाजार लगता है, जिसकी जिले भर में काफी प्रसिद्धि रही है. आसपास ही देश की प्रसिद्ध सर्कस कंपनी आती थी. सिनेमाघरों में सुपर हिट फिल्में लगायी जाती थीं. जिले व आसपास के जिलों के घर-घर से लोग यहां विवाह पंचमी मेला का आनंद लेने आते थे. सिनेमा, सर्कस, सैर-सपाटा करते थे. वहीं , मीना बाजार में गर्म कपड़ों समेत अन्य घरेलू सामानों की खरीददारी करना नहीं भूलते थे. व्यवसायियों का कारोबार चल पड़ता था. हालांकि, मीना बाजार आज भी जिंदा है, लेकिन सर्कस और सिनेमा का युग लद गया है.

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