घंटों इंतजार के बाद भी अल्ट्रासाउंड नहीं होने पर हंगामा
दिन-ब-दिन सदर अस्पताल की व्यवस्था खराब होती जा रही है. दूर-दराज से आने वाली जरूरतमंद महिलाओं को भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
सीतामढ़ी. दिन-ब-दिन सदर अस्पताल की व्यवस्था खराब होती जा रही है. दूर-दराज से आने वाली जरूरतमंद महिलाओं को भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. एक मामला अल्ट्रासाउंड से संबंधित भी है. सदर अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के लिए अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा उपलब्ध है. लेकिन चिकित्सक के समय पर नहीं आने के कारण आये दिन हंगामा होते रहता है. बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन के द्वारा इसमें सुधार को लेकर कोई कदम नहीं उठाया जाता है. रविवार की बंदी के बाद सोमवार की दोपहर में बड़ी संख्या में महिलाओं की भीड़ सदर अस्पताल स्थित अल्ट्रासाउंड जांच केंद्र पर लगी हुई थी. जांच केंद्र पर काम करने वाली नर्स चिकित्सक की आने की बात कही जा रही थी. करीब 4 बजे तक जब कोई चिंता अल्ट्रासाउंड जांच केंद्र पर नहीं पहुंची तो मरीजों व उनके साथ आये परिजनों का ग़ुस्सा फुट गया. सभी लोग जांच केंद्र के बाहर हंगामा करने लगे. बाद में सदर अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर तैनात पुलिस कर्मी वहां पहुंचकर लोगों को समझाने लगे. शहर के मेहसौल, मुरलीयाचक, बरियारपुर गांव से आये महिला मरीजों ने बतायी कि एक तो सात माह की गर्भवती महिलाओं का ही अल्ट्रासाउंड जांच की जाती है. वह भी जांच की कोई समय निर्धारित नहीं है. बतायी कि निजी अल्ट्रासाउंड जांच केंद्र में 1000 से 1200 तक की चार्ज लेते है. जो हम जैसे गरीब लोगों के लिए काफी ज्यादा है. इसी कारण मज़बूरी मे सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की जांच करवाते हैं. बाद में हंगामा के बाद एक महिला चिकित्सक वहां पहुंचकर गर्भवती महिलाओं की जांच की. लोगों का आरोप था कि अल्ट्रासाउंड जांच केंद्र के बाहर पटल पर डा स्वेता पल्लवी की ड्यूटी लिखी गई है.
अल्ट्रासाउंड जांच केंद्र के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक की कमी है. जल्दी ही चिकित्सक की कमी पूरी होगी. वर्तमान में सात माह के अधिक की गर्भवती महिलाओं की जांच जरुरत अनुसार की जाती है.
डॉ मुकेश कुमार, उपाधीक्षकडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
