शिलान्यास के साक्षी बनने के लिये उत्साह और उमंग से भरे थे जिलेवासी

शुक्रवार का दिन जिले के लिये ऐतिहासिक रहा. मां सीता की जन्मभूमि, पुनौरा धाम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के हाथों मंदिर व मंदिर परिसर के समग्र विकास की नींव डाली गयी.

By VINAY PANDEY | August 8, 2025 10:04 PM

सीतामढ़ी. शुक्रवार का दिन जिले के लिये ऐतिहासिक रहा. मां सीता की जन्मभूमि, पुनौरा धाम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के हाथों मंदिर व मंदिर परिसर के समग्र विकास की नींव डाली गयी. इसको लेकर सुबह से ही जिलेवासियों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला. एक दिन पूर्व ही अयोध्या, मथुरा, काशी, वृंदावन व देश के अन्य प्रमुख धार्मिक स्थानों के संत-महंतों के अलावा नेपाल के जनकपुर व सीतामढ़ी के सैकड़ों साधु-संत पहुंच चुके थे. वहीं, विभिन्न राज्यों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे. इस अवसर पर जिले भर के मठ-मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना व आरती की गयी. आरती के समय मूसलधार बारिश शुरू हो गयी. इसे इस पल का शुभ लक्षण माना गया. — जिले भर के मठ-मंदिरों में किया गया धार्मिक आयोजन विभिन्न मठ-मंदिरों में संगीतमय श्री सीताराम नाम जप, अष्टयाम व भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया. पूरे जिले में उत्सवी माहौल देखने को मिला. शहर के अधिकांश व्यावसायिक प्रतिष्ठान व आम दुकानें बंद थीं. शहर के अंदर की सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा. हर कोई नये-नये परिधान में उत्साह के साथ कई-कई किमी की दूरी पैदल तय कर पुनौरा धाम तक पहुंचने के लिये मशक्कत करते दिखे. विभिन्न संगठनों द्वारा स्टॉल लगाकर पेयजल, शरबत इत्यादि की सेवा दी गयी. 2.40 में मूसलधार बारिश के बीच अमित शाह ने की आरती सीतामढ़ी. करीब 2.10 बजे गृहमंत्री अमित शाह पुनौरा धाम पहुंचे. हैलीपैड पर उनका जोरदार स्वागत हुआ. अमित शाह के आने के तुरंत बाद सीएम नीतीश कुमार भी पहुंच गये. दोनों नेता एनडीए के बड़े नेताओं के साथ सर्वप्रथम जानकी मंदिर जाकर दर्शन किये. वहां से गृहमंत्री व सीएम शिलान्यास स्थल पर पहुंचे, जहां मिथिला व काशी के आचार्यों द्वारा वेद मंत्रोच्चार के साथ विधि-विधान से भूमि-पूजन संपन्न किया गया. इसके बाद अमित शाह, सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी व अन्य ने आरती उतारी. इससे पूर्व पुनौरा धाम जानकी मंदिर के महंत कौशल किशोर दास द्वारा भूमि-पूजन का कार्य किया जा रहा था. सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर परिसर में सामान्य व्यक्तियों के लिये प्रवेश वर्जित किया गया था. श्रद्धालु समागम स्थल पर करीब 50 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था की गयी थी, लेकिन दोपहर करीब 12.30 बजे ही पंडाल भर गया. इसके बाद जनसभा पंडाल में भी प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया. जनसभा पंडाल के बाहर भी जनसैलाब उमड़ पड़ा था. खराब रास्ता के बावजूद लोग पांच से सात किमी की दूरी से पैदल चलकर पुनौरा धाम शिलान्यास कार्यक्रम को देखने को पहुंचे थे. हद तो तब हो गयी, तब मूसलधार बारिश के बाद भी लोग टस से मस नहीं हुए. खासकर सड़कों एवं गलियों में महिलाओं की रेला देखने को मिला.

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