सीतामढ़ी धाम में हर्षोल्लास से मनाया गया मां सीता का प्राकट्य उत्सव

मां सीता की प्राकट्य-भूमि सीतामढ़ी धाम स्थित पुनौरा धाम एवं रजत द्वार जानकी मंदिर समेत जिले भर के राम-जानकी मंदिरों में शुक्रवार को जानकी नवमी के पावन अवसर पर हर्षोल्लास से माता सीता का प्राकट्य उत्सव मनाया गया.

By Prabhat Khabar Print | May 18, 2024 2:05 PM

सीतामढ़ी. मां सीता की प्राकट्य-भूमि सीतामढ़ी धाम स्थित पुनौरा धाम एवं रजत द्वार जानकी मंदिर समेत जिले भर के राम-जानकी मंदिरों में शुक्रवार को जानकी नवमी के पावन अवसर पर हर्षोल्लास से माता सीता का प्राकट्य उत्सव मनाया गया. इस अवसर पर पिछले नौ दिनों से पुनौरा धाम स्थित सीता प्रेक्षागृह में श्रीराम की कथा सुना रहे तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी महाराज के हाथों पुनौरा धाम स्थित सीता कुंड घाट पर दोपहर ठीक 12.00 बजे महाआरती कर मां सीता का प्राकट्य उत्सव मनाया गया. जगद्गुरु ने मां सीता की स्तुति-वंदना की और विधिवत आरती उतारी. इस दौरान वहां सैकड़ों की संख्या में साधु-संत और आम श्रद्धालु वहां उपस्थित रहे. निवर्तमान केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे, सूबे के मंत्री प्रेम कुमार व अन्य कई गणमान्य लोग भी महाआरती व प्राकट्योत्सव के दौरान वहां उपस्थित दिखे. वहीं, रजत द्वार जानकी मंदिर में भी उर्विजा कुंड घाट पर भव्य तरीके से विधि-विधान के साथ मां सीता का प्राकट्य उत्सव मनाया गया. दोनों ही मंदिरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे. कलाकार मंडलियों द्वारा एक से बढ़कर एक बधाई गीत प्रस्तुत किए गए. वहीं, सुबह से मंदिरों में संगीतमय रामायण पाठ और भजन-कीर्तन प्रस्तुत किए गए. इससे पूर्व सुबह से ही पुनौरा धाम व रजत द्वार जानकी मंदिर में उत्सवी वातावरण बन चुका था. पिछले महीने परिक्रमा यात्रा पर निकले साधु-संत एवं श्रद्धालु परिक्रमा यात्रा संपन्न कर जानकी मंदिर पहुंचे और मां सीता के प्राकट्य उत्सव में शामिल हुए. इससे पूर्व रजत द्वार जानकी मंदिर में प्राकट्य उत्सव आयोजन समिति द्वारा धूमधाम से शहर में भव्य निशान शोभा-यात्रा निकाली गयी. शोभायात्रा में मां सीता, जनक, मां सुनैना समेत विभिन्न देवी-देवताओं की मनमोहक झांकी सजायी गयी थी. हाथों में भगवा ध्वज और भगवान परिधानों में सज-धजकर सैकड़ों महिला एवं पुरुष श्रद्धालु निशान शोभायात्रा में शामिल थे. लोग घरों के ऊपर से जगह-जगह श्रद्धालुओं पर फूल की पंखुड़ियां बरसा रहे थे. निशान शोभा-यात्रा में शहर के दर्जनों गणमान्य लोग भी शामिल हुए. प्राकट्योत्सव के बाद जानकी मंदिर में देर रात तक एक से बढ़कर एक भक्ति एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए. शहर की सड़कों पर जानकी नवमी उत्सव देखने के लिए दूर-दूर से महिला एवं पुरुष श्रद्धालु आते और जानकी मंदिर की ओर जाते दिखाई दिए. शहर भर के मकान-दुकान और चौक-चौराहों पर भगवा ध्वज लगाए गए थे. पुनौरा धाम जानकी मंदिर व रजत द्वार जानकी मंदिर समेत जिले भर के राम-जानकी मंदिरों में सुबह से शाम तक पूजा-अर्चना एवं दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहा.

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