Sitamarhi: 10 साल पुराने केस में आजाद हिंद फौज के संस्थापक नितेश सिंह उर्फ़ महाराज ने किया आत्मसमर्पण

सुंदरपुर खरौना गांव में पुल निर्माण के दौरान रंगदारी मांगने का आरोप लगाकर नितेश का नाम जोड़ा गया था.

By RANJEET THAKUR | December 1, 2025 9:52 PM

शिवहर. आजाद हिंद फौज के संस्थापक नितेश सिंह उर्फ़ महाराज ने सोमवार को 10 वर्ष पुराने मामले में जिला व्यवहार न्यायालय स्थित अवर न्यायाधीश-मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी महेश शुक्ला की अदालत में आत्मसमर्पण किया. उनके अधिवक्ता अमिलेश कुमार सिंह ने बताया कि शिवहर थाना कांड संख्या 97/2015 में सुंदरपुर खरौना गांव में पुल निर्माण के दौरान रंगदारी मांगने का आरोप लगाकर नितेश का नाम जोड़ा गया था. इसी मामले में न्यायालय द्वारा जारी वारंट के आधार पर 1 दिसंबर 2025 को उन्होंने अदालत में सरेंडर किया. नितेश सिंह उर्फ़ महाराज ने कहा कि वे सभी पुराने आपराधिक मामलों को पीछे छोड़कर जनसेवा में जुट चुके हैं. वर्ष 2021 के पंचायत चुनाव में उनकी पत्नी अर्पणा सिंह मुखिया चुनी गईं और अब तक तरियानी छपरा पंचायत की सेवा कर रही हैं. नितेश ने बताया कि वर्ष 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी पत्नी जन सुराज पार्टी से बेलसंड विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार थीं तथा उन्हें जनता का अच्छा समर्थन मिल रहा था.

उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक साज़िश के तहत चुनाव में उन्हें सक्रिय न रहने देने के लिए शिवहर थाना कांड संख्या 97/2015 में उनका नाम जोड़कर 2025 में गिरफ्तारी वारंट जारी करवाया गया. “राजनीतिक माफियाओं का मकसद मुझे विधानसभा चुनाव से दूर रखना था,

नितेश सिंह ने आजाद हिंद फौज बनाकर कई जिलों को नक्सलवाद से कराया मुक्त

बताया जाता है कि शिवहर जिले के तरियानी छपरा निवासी श्याम बाबू सिंह के पुत्र नितेश सिंह उर्फ़ महाराज ने वर्ष 2009–10 में ””””आजाद हिंद फौज”””” नामक संगठन की स्थापना कर माओवादियों के विरुद्ध संघर्ष शुरू किया था. उनके नेतृत्व में शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर और मोतिहारी जिले को नक्सलवाद से मुक्त कराने में महत्वपूर्ण सफलता मिली, जिसमें बिहार पुलिस को भी बड़ी उपलब्धि हासिल हुई. नितेश के पिता श्याम बाबू सिंह वर्ष 2016 से 2021 तक मुखिया रहे. नितेश 2 मार्च 2017 को पहली बार गिरफ्तार हुए थे. इसके बाद 2022 में फिर गिरफ्तारी हुई और वर्ष 2023 में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया.

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