सरकारी राशि के गबन के मामले में परिहार प्रमुख, बीपीआरओ समेत आठ पर प्राथमिकी

जिले के परिहार प्रखंड के पंचायत समिति की विभिन्न योजनाओं में बरती गई गड़बड़ी व सरकारी राशि के दुरूपयोग के मामले में परिहार थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 24, 2025 7:51 PM

सीतामढ़ी/परिहार. जिले के परिहार प्रखंड के पंचायत समिति की विभिन्न योजनाओं में बरती गई गड़बड़ी व सरकारी राशि के दुरूपयोग के मामले में परिहार थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है. डीएम/डीडीसी के आदेश पर बीडीओ आलोक कुमार ने आठ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है. आरोपितों में परिहार प्रखंड प्रमुख अर्चना कुमारी, बीपीआरओ ज्ञानेंद्र कुमार झा, बथुआरा के पंचायत सचिव मनोज कुमार, बेतहा के पंचायत सचिव वेद प्रकाश राय, सूतिहारा के पंचायत सचिव हंसलाल कुमार के अलावा भेड़रहिया पंचायत के तत्कालीन तकनीकी सहायक कुणाल किशोर, बथुआरा के तत्कालीन तकनीकी सहायक मंटू कुमार व बेतहा के तत्कालीन तकनीकी सहायक जौहर अली शामिल है.

— क्या है यह पूरा मामला

गौरतलब है कि परिहार के उप प्रमुख रफी हैदर उर्फ छोटे बाबू ने डीएम से पंचायत समिति की योजनाओं में गड़बड़ी व सरकारी राशि के गबन की शिकायत की थी. डीएम/डीडीसी ने डीटीओ से शिकायत की जांच कराई थी. जांच में शिकायतों की पुष्टि के बाद डीएम रिची पांडेय ने 20 जनवरी 25 को ही परिहार बीडीओ को जांच रिपोर्ट भेजकर दोषी कर्मियों/जनप्रतिनिधियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ आरोप-पत्र गठित करने, कठोर अनुशासनिक कार्रवाई करने व गबन की गई राशि की वसूली करने का निर्देश दिया था. डीएम के उक्त आदेश के बावजूद कार्रवाई की गति धीमी थी. इस बीच, 23 फरवरी 25 को डीडीसी मनन राम ने बीडीओ को दूरभाष पर दोषियों के खिलाफ स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया, जिसके अनुपालन में 24 फरवरी को प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.

— क्या है योजनाओं में गड़बड़ी

उप प्रमुख का आरोप था कि पंचायत समिति की बैठक नहीं हुई. प्रस्ताव पंजी में छेड़छाड़ कर मनमाने तरीके से योजनाओं का चयन व वितरण किया गया. जांच में छेड़छाड़ के आरोप की पुष्टि की गई है. उनका आरोप है कि भगवतीपुर से लेकर साकिर के खेत तक नाला उड़ाही कार्य मनरेगा से पूर्व में हुआ था. फिर भी 15 वीं वित्त से प्राक्कलित राशि 10,49,784 का शत- प्रतिशत गबन हुआ है. जांच में पाया गया कि 2500 फीट लंबाई में काम किया हुआ है. योजना वर्तमान में भी संचालित है. 15 वीं वित्त से 5200 फीट में कार्य होने का उल्लेख अभिलेख में अंकित है. यहां ट्रैक्टर से कार्य लिया गया है. जांच में एक ही कार्य का दो योजना से भुगतान की भी पुष्टि हुई है. इस तरह के अन्य कई आरोप है, जिसकी पुष्टि हुई है.

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