शेखपुरा के निजी अस्पताल में गर्भवती की मौत पर जमकर हंगामा और तोड‍़फोड़, आक्रोशित लोगों ने किया सड़क जाम

शेखपुरा के निजी अस्पताल में गर्भवती की मौत पर जमकर हंगामा और तोड‍़फोड़ की गयी. घटना के करीब एक घंटे तक अस्पताल संचालक ने पीड़ित परिजनों से सौदेबाजी करने की कोशिश की. लेकिन, बात नहीं बनने के बाद कर्मियों के साथ मौके से फरार हो गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 21, 2022 5:47 PM

शेखपुरा टाउन थाना क्षेत्र के पटेल चौक स्थित भोजडीह रोड में संचालित एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान गर्भवती की मौत हो गई. महिला की मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने अस्पताल परिसर में तोड़फोड़ शुरू कर दी. आक्रोशित परिजनों ने जमकर हंगाम किया. वही शाहपुर- शेखपुरा सड़क मार्ग को जाम कर दिया. मृतक महिला की पहचान अरियरी थाना क्षेत्र के कंबल बीघा गांव निवासी पप्पू सिंह की पत्नी रिंकू देवी बताई जाती है. घटना में महिला की मौत के बाद तीन पुत्रियां और एक पुत्र के सिर से मां का साया उठ गया.

परिजनों ने की तोड़फोड़

घटना के करीब एक घंटे तक अस्पताल संचालक ने पीड़ित परिजनों से सौदेबाजी करने की कोशिश की. लेकिन, बात नहीं बनने के बाद कर्मियों के साथ मौके से फरार हो गया. अस्पताल संचालक बांक गांव का रहने वाला है. संचालक नवादा जिले में पंचायत रोजगार सेवक पद पर कार्यरत है. इस घटना के बाद अस्पताल में ऑपरेशन एवं प्रसव कराने वाले आधे दर्जन महिला मरीज का इलाज अधर में लटक गया. वहीं दूसरी ओर आक्रोशित ग्रामीणों ने मृतक महिला का शव मुख्य मार्ग पर ट्रॉली सहित खड़े कर सड़क जाम कर दिया. इस दौरान पीड़ित परिजनों ने अस्पताल कैंपस के अंदर डॉक्टर चैंबर एवं उसके दवा दुकान के अंदर घुस कर तोड़फोड़ की और कई सामग्रियों को क्षतिग्रस्त कर दिया.

इलाज में लापरवाही का आरोप

मौके पर आक्रोशित परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि गर्भवती महिला को प्रसव कराने के लिए सदर अस्पताल शेखपुरा में भर्ती कराया गया था. जहां शनिवार को चिकित्सकों ने उसे खून की कमी के कारण रेफर कर दिया. गर्भवती महिला को इलाज के लिए बिहारशरीफ ले जाना चाह रहे थे. लेकिन तभी सदर अस्पताल में तैनात एक गार्ड ने उक्त अस्पताल संचालक को फोन कर बुला लिया. मौके पर अस्पताल संचालक प्राइवेट एंबुलेंस लेकर खुद ही सदर अस्पताल पहुंच गया. मरीज को जबरन अपना निजी अस्पताल लेकर चला गया. गर्भवती को शनिवार को 11:00 बजे रात को जब निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया तब वहां एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं थे. अस्पताल संचालक एवं कंपाउंडर के सहारे महिला का इलाज चल रहा था.

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पुलिस ने की प्राथमिकी दर्ज

प्रसव पीड़ा से कराहती महिला के परिजन उसके इलाज अथवा रेफर करने के लिए गिड़गिड़ाते रहे. लेकिन अस्पताल संचालक ने एक ना सुना और इसी क्रम में रविवार की दोपहर करीब 12:00 बजे महिला की मौत हो गई. घटना की सूचना मिलते ही टाउन थाना पुलिस मौके पर पहुंची और गुस्साए लोगों को शांत कराने की कोशिश किया. करीब 2 घंटे बाद पुलिस ने परिजनों को समझा-बुझाकर सड़क मार्ग पर आवागमन को बहाल किया और शव को जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल लेकर पहुंच गए. इस घटना को लेकर फिलहाल मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है.

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