दिल्ली में सुपुर्द-ए-खाक हुए पूर्व सांसद शहाबुद्दीन, समर्थकों में मायूसी के साथ आक्रोश, राजद पर लगाए गंभीर आरोप

Shahabuddin Death News: पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन को सोमवार को दिल्ली के आइटीओ बेरुन दिल्ली गेट स्थित जदीद कब्रिस्तान में दफनाया गया. इसके पहले परिजनों व शुभचिंतकों ने जनाजे की नमाज अदा की. कोर्ट व प्रशासन की सख्ती के चलते उनका पार्थिव शरीर सीवान के प्रतापपुर नहीं लाया जा सका. इससे उनके समर्थकों में मायूसी के साथ आक्रोश भी है.

By Prabhat Khabar | May 3, 2021 8:32 PM

पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन को सोमवार को दिल्ली के आइटीओ बेरुन दिल्ली गेट स्थित जदीद कब्रिस्तान में दफनाया गया. इसके पहले परिजनों व शुभचिंतकों ने जनाजे की नमाज अदा की. कोर्ट व प्रशासन की सख्ती के चलते उनका पार्थिव शरीर सीवान के प्रतापपुर नहीं लाया जा सका. इससे उनके समर्थकों में मायूसी के साथ आक्रोश भी है.

उनका कहना है कि जब शहाबुद्दीन जेल से जमानत पर रिहा हुए थे, तो उनके साथ 1500 गाड़ियों का काफिला निकला था. वहीं, उनके निधन पर चंद लोग ही शरीक हुए. इधर, सोशल साइट पर राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष डाॅ तनवीर हसन एवं प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने शहाबुद्दीन के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.

राजद नेताओं ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद तिहाड़ जेल प्रशासन ने शहाबुद्दीन के इलाज के प्रति गंभीरता नहीं दिखायी. 21 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद भी सामान्य स्तर की चिकित्सा उपलब्ध करायी गयी. स्थिति बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया.

जबकि तीन दिन पहले ही दिल्ली हाईकोर्ट ने उनके बेहतर इलाज कराने और इस दौरान परिवार वालों से मिलवाने का निर्देश जेल प्रशासन को दिया था. बाहुबली नेता और पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन का शनिवार की सुबह निधन हो गया था. इसकी पुष्टि कई घंटों के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन ने की थी. तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे शहाबुद्दीन को कोरोना संक्रमण के बाद दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

समर्थकों ने सरकार व राजद पर लगाये गंभीर आरोप

शाहबुद्दीन के निधन से परिजन व समर्थक मर्माहत हैं. परिजनों ने सरकार व जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. परिजनों का आरोप है कि समय रहते समुचित इलाज मिला होता तो उनकी जान बच जाती. वहीं, उनके समर्थकों का कहना है कि सरकार ने न्याय नहीं किया है. उनके नेता राजनीतिक चक्रव्यूह के शिकार हो गये.

कुछ समर्थकों ने राजद के सुप्रीमो पर अनदेखी करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि शहाबुद्दीन आजीवन पार्टी के लिए संघर्षशील रहे. वे पार्टी के फाउंडर मेंबर थे. इसके बावजूद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उनकी सुधि नहीं ली. समर्थक सोशल मीडिया के माध्यम से अपना आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं.

Also Read: तो तेजस्वी यादव की राजनीति हमेशा के लिए जमीन में हो जाएगी दफन, पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के बेटे ने क्यों कहा ऐसा?

Posted By: Utpal Kant

Next Article

Exit mobile version