Sasaram News : डालमिया फैक्ट्री और जिला के सवालों पर पक्ष-विपक्ष एक-दूसरे के पाले में फेंकते रहे गेंद

रोहतास इंडस्ट्री से पूरे विश्व में ख्याती पानेवाला डेहरी-डालमियानगर शहर के कई पन्ने अब इतिहास हो गये हैं.

By PRABHANJAY KUMAR | September 12, 2025 9:54 PM

सासाराम नगर/डेहरी ऑफिस़ रोहतास इंडस्ट्री से पूरे विश्व में ख्याती पानेवाला डेहरी-डालमियानगर शहर के कई पन्ने अब इतिहास हो गये हैं. उन पन्नों को फिर से जीवंत करने के लिए यहां के लोग प्रयासरत हैं. लेकिन, बदलते प्रतिनिधि इस शहर को वह पहचान अब तक दिलाने में असफल रहे, जो 1984 से पहले हुआ करता था. इसका दर्द शुक्रवार को डेहरी विधानसभा के पुराना डाकबंगला के ईदगाह मुहल्ले में हुए प्रभात खबर के चौपाल में दिखा. अपने जनप्रतिनिधियों से इस चौपाल में लोगों ने खुलकर सवाल किये, जिसमें कुछ सवालों से नेताजी बचते नजर आये. चौपाल में डेहरी को जिला और डालमिया फैक्ट्री के सवालों पर पक्ष और विपक्ष दोनों के नेता एक-दूसरे के पाले में गेंद फेंकते रहे. महागठबंधन के नेता ने एनडीए के नेताओं से कहा कि लालू प्रसाद के शासनकाल में डेहरी को अनुमंडल बनाया गया. लेकिन, एनडीए के शासन काल में अबतक डेहरी को जिला नहीं बनाया जा सका है. ठीक वैसे ही जैसे रोहतास इंटस्ट्री के कुछ हिस्सों को पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद ने रेल कारखाना के लिए खरीदा था. उनकी सरकार जाने के बाद अबतक वह मामला वैसे ही पड़ा हुआ है. शिक्षा को लेकर युवाओं ने पक्ष और विपक्ष के दोनों नेताओं से सवाल किया. डेहरी विधानसभा में उच्च शिक्षा को लेकर अबतक कोई बड़े महाविद्यालय और विश्वविद्यालयों की स्थापना नहीं हुई है. वहीं, नारायण मेडिकल कॉलेज को लेकर भी एक युवक ने लोजपा आर के नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ सोनू सिंह से सवाल किया कि इस कॉलेज के बोर्ड पर जमुहार सासाराम लिखा हुआ है. जबकि, जमुहार पंचायत डेहरी प्रखंड का हिस्सा है? इसपर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि यह निजी विश्वविद्यालय है. इस संबंध में विश्वविद्यालय प्रशासन को विचार करना चाहिए. सोन ड्राइव और नगर पर्षद के तीन वार्डों का हुआ जिक्र- चौपाल में उपस्थित लोगों ने पटना के मरीन ड्राइव की तर्ज पर डेहरी को विकसित करने का भी सवाल जनप्रतिनिधियों से किया, जिसको लेकर वर्तमान विधायक और सांसद के प्रतिनिधियों ने जवाब दिया कि इस मामले को महागठबंधन के विधायक और सांसद ने उचित मंच पर उठाया है. तत्कालीन सरकार को इसपर विचार करना होगा. साथ ही डेहरी नगर पर्षद के तीन वार्ड 35, 36 और 37 का भी मुद्दा उठा. यहां के करीब 30000 आबादी है, जिसको मूलभूत सुविधा नहीं मिल रही है. यहां के लोगों का स्थायी निवास प्रमाणपत्र भी नहीं मिलता है, जिसको लेकर नेताओं ने कहा, खासमहल की जमीन होने से यह समस्या आ रही है.

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