बिजली चालू होते ही झूम उठे किसान, इंद्रपुरी बराज पर पहुंचा 36833 क्यूसेक पानी

पहलेजा गांव के पश्चिमी क्षेत्र में खेतों में वर्षों से पटवन को लेकर परेशानी झेल रहे किसान शनिवार को लाइन चालू होते ही खुशी से झूम उठे. इधर शनिवार की शाम छह बजे इंद्रपुरी बराज पर 36833 क्यूसेक पानी पहुंचा है.

By Prabhat Khabar | August 2, 2020 8:16 AM

डेहरी सदर : पहलेजा गांव के पश्चिमी क्षेत्र में खेतों में वर्षों से पटवन को लेकर परेशानी झेल रहे किसान शनिवार को लाइन चालू होते ही खुशी से झूम उठे. पहलेजा गांव में खेतों में पटवन के लिए बोरिंग चलाने के लिए लगाये गये नये लाइन व नये बिजली के तार, पोल, ट्रांसफार्मर का कार्यपालक विद्युत अभियंता सोमनाथ पासवान निरीक्षण करने पहुंचे. वहां पर किसानों ने स्वागत किया.

कार्यपालक विद्युत अभियंता ने किसानों को भरोसा दिलाया की बिजली से संबंधित किसी तरह की परेशानी हो तो जरूर संबंधित अधिकारी या उन्हें शिकायत करें. उन्होंने निरीक्षण के दौरान पहलेजा से सटे वनकोड गांव के आये किसानों की मांग पर एक डीटीआर बनाने के लिए अनुशंसा भी की, ताकि वहां भी डीजल पंप से पटवन कर रहे किसानों की समस्या दूर हो.

उन्होंने किसानों को बिजली कनेक्शन लेकर ही बोरिंग चलाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि बिना कनेक्शन के बिजली उपयोग करने पर कार्रवाई होगी. मौके पर किसान शिवेशर सिंह, भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य अजय ओझा सहित अन्य किसान उपस्थित थे.

इंद्रपुरी बराज पर पहुंचा 36833 क्यूसेक पानी

इंद्रपुरी : शनिवार की शाम छह बजे इंद्रपुरी बराज पर 36833 क्यूसेक पानी पहुंचा है. जल संसाधन विभाग इंद्रपुरी डिवीजन के कार्यपालक अभियंता रवींद्र चौधरी ने बताया कि सोन नदी के ऊपरी जल ग्रहण क्षेत्र व कैमूर पहाड़ी के प्राकृतिक स्रोत में बारिश होने के कारण इंद्रपुरी बराज पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध है. झारखंड के मोहम्मदगंज बराज से 8300 क्यूसेक व रिहंद जलाशय से 9044 क्यूसेक पानी बराज को मिला है. फिलहाल बराज में 36833 क्यूसेक पानी उपलब्ध है.

बराज पर पानी का लेवल 355 फुट है. यहां से पश्चिमी सोन संयोजक नहर में 6307 क्यूसेक, पश्चिमी सोन संयोजक समानांतर नहर में 1504 क्यूसेक व पूर्वी सोन संयोजक नहर में 4386 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. बराज में पानी को मेंटेन रखते हुए सोन नदी के निचले हिस्से में 24636 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है. फिलहाल सोन नहर प्रणाली में मांग के अनुसार पानी दिया जा रहा है.

posted by ashish jha

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