Sasaram News : अब एक फॉर्म भरिए और आपके नाम हो जायेगी पूर्वजों की जमीन
राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने उत्तराधिकार नामांतरण, बंटवारा नामांतरण के साथ ऑनलाइन जमाबंदी में गलतियों के सुधार के लिए राजस्व महाअभियान की शुरुआत की है.
नोखा. प्रखंड में जमीन के दस्तावेजों में कुछ त्रुटियों की वजह से रैयत परेशान हैं. अपने पूर्वजा के नाम की जमीन अपने नाम कराने में भी उनके वारिसों को अंचल से लेकर जिला कार्यालय तक की दौड़ लगानी पड़ती थी. लेकिन, अब सरकार ने ऐसे रैयतों को राहत दी है. राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने उत्तराधिकार नामांतरण, बंटवारा नामांतरण के साथ ऑनलाइन जमाबंदी में गलतियों के सुधार के लिए राजस्व महाअभियान की शुरुआत की है. गत 16 अगस्त से शुरू अभियान 20 सितंबर तक चलेगा. इसके तहत बस एक फॉर्म भरकर रैयत अपने पूर्वज की जमीन अपने नाम ट्रांसफर कर सकते हैं. इसके साथ ही अपनी जमीन के दस्तावेजों की अन्य त्रुटियों में भी सुधार करा सकते हैं. बताते चलें कि नोखा अंचल में रैयतों की जमीन की कुल जमाबंदी करीब 55 हजार है. इसमें अधिकतर में कुछ त्रुटियों की वजह से रैयत परेशान है. खासकर, जमीन के दस्तावेजों का डिजिटाइजेशन के दौरान किसी रैयत का नाम गलत कर दिया गया है, तो किसी का खाता, खेसरा व रकबा परिवर्तित कर दिया गया है. इसके अलावा मृत पूर्वजों के नाम की जमीन का ट्रांसफर नहीं होने से भी रैयत परेशान हैं. राजस्व अभियान में उन सभी त्रुटियों में सुधार का दावा विभाग द्वारा किया गया है. वंशावली के आधार पर की जायेगी जमाबंदी सीओ ने बताया कि यह महाअभियान सरकार की बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना है और यदि सभी लोगों का भूमि संबंधी रिकार्ड सही हो जाता है, तो भूमि विवाद में भी बहुत कमी आयेगा. विधि-व्यवस्था की समस्या कम होगी. नामांतरण में भी सुधार किया जायेगा, यदि किसी भू-स्वामी की मृत्यु हो गयी है, तो उनके वारिसों के नाम वंशावली के आधार पर जमाबंदी की जायेगी. संयुक्त जमाबंदी के मामलों में आपसी सहमति या रजिस्टर्ड बंटवारे के आधार पर अलग-अलग जमाबंदी की जायेगी, जबकि छूटी हुई जमाबंदियों का डिजिटलीकरण भी होगा, जिन जमाबंदियों को अभी तक ऑनलाइन नहीं किया गया है, उन्हें भी इस बार डिजिटाइजेशन किया जायेगा, साथ ही ऑनलाइन जमाबंदी में खाता, खेसर, रकबा आदि की त्रुटियों में भी सुधार किया जायेगा. बोले अधिकारी सीओ मधुसूदन चौरसिया ने बताया कि रैयतों को अंचल कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़े, इसके लिए उनके घर-घर जाकर जमीन के दस्तावेज में सुधार के लिए रैयतों को प्रेरित किया जा रहा है. सीओ ने कहा कि अभियान की शुरुआत 16 अगस्त से हुई है. पांच दिनों में अब तक करीब दस हजार जमाबंदी पर्ची का वितरण किया जा चुका है, जो 20 सितंबर तक चलेगा.
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