sasaram News : 23 वर्षों से बंद पीपीसीएल अमझोर फैक्ट्री के खुलने की जगी उम्मीद
हजारों लोगों को मिल सकेगा रोजागार, रूकेगा पलायन, बंद फैक्ट्री को खोलने व रोजगार देने का सरकार ने की थी घोषणा
अकबरपुर. रोहतास प्रखंड में ””मिनी मुंबई”” के नाम से प्रसिद्ध पीपीसीएल फैक्ट्री में 23 वर्षों से लटका ताला अब खुलने की उम्मीद जगी है. वर्ष 2002 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने फैक्ट्री को बंद कर दिया था. इसके बाद किसी भी सरकार ने न तो इसे चालू कराने की ठोस पहल की और न ही क्षेत्र की बेरोजगारी दूर हो सकी. बिहार में बनी नयी सरकार ने रोजगार सृजन और बंद फैक्ट्रियों को चालू कराने को अपने चुनावी एजेंडे में प्रमुखता से रखा है. इससे लोगों में नयी उम्मीद पैदा हुई है. क्षेत्रवासियों का मानना है कि यदि यह फैक्ट्री फिर से चालू हो गयी, तो यहां हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा और मिनी मुंबई कहलाने वाला अमझोर एक बार फिर चहल-पहल से भर उठेगा. ज्ञात हो कि यह कंपनी 1985 में स्थापित हुई थी. उस समय किसानों ने 318 एकड़ जमीन छह हजार रुपये प्रति कट्ठा की दर से कंपनी को उपलब्ध करायी थी. फैक्ट्री बंद होने के बाद न तो किसानों को जमीन का पूरा मुआवजा मिला और न ही वे अपनी जमीन का कब्जा वापस पा सके. इसके उलट, बंद फैक्ट्री की वजह से लोगों को सल्फर युक्त दूषित पानी पीने को मजबूर होना पड़ा. दर्जनों गांवों में पानी को लेकर हमेशा हाहाकार मचा रहता है और समस्या आज तक दूर नहीं हो सकी है. कहते हैं किसान नेता एशिया के सबसे बड़े पाइराइट्स भंडार को चालू कराना स्थानीय विधायक की जिम्मेदारी बनती है. सरकार को केंद्र को प्रस्ताव भेजकर पीपीसीएल कंपनी को पुनः चालू कराने की पहल करनी चाहिए. बबन यादव, किसान नेता, महुराओं क्या कहते हैँ जमीन दाता 1985 में जब कंपनी लग रही थी, तब हमने छह हजार रुपये प्रति कट्ठा की दर से 318 एकड़ जमीन कंपनी को दी थी. लेकिन आज तक कोई लाभ नहीं मिला है. जाफर रज़ा, मस्जिद मोड़, रोहतास कहते हैं पूर्व प्रमुख फैक्ट्री बंद होने के बाद क्षेत्र में पेयजल संकट गहरा गया है. सभी जगह पानी सल्फरयुक्त हो गया है, जिससे लोग लगातार बीमार पड़ते हैं. सरकार को जल्द फैक्ट्री को चालू करना चाहिए. राम बहादुर आजाद, पूर्व प्रमुख, ढेलाबाद कहते हैं डॉक्टर फैक्ट्री के पास ही हमारा घर तेलकप मोड़ पर है. एक समय यह इलाका मिनी मुंबई कहलाता था. इतनी रौनक थी कि सुई गिरने की आवाज भी सुनाई दे जाती थी. आज पूरा इलाका वीरान पड़ा है. गेट पर 23 वर्षों से ताला लटका है. सल्फरयुक्त पानी पीने से मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. सरकार को इस पर संज्ञान लेना चाहिए. डॉ एसपी प्रसाद सिंह, तेलकप, रोहतास
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